सीएसआर फंड के कोरोना संबंधित नियम में न करें बदलाव

Do not change the rule related to corona of CSR fund
सीएसआर फंड के कोरोना संबंधित नियम में न करें बदलाव
सीएसआर फंड के कोरोना संबंधित नियम में न करें बदलाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  केंद्र के वाणिज्य मंत्रालय ने 23 मार्च 2020 को शासन के निर्णय अनुसार स्वास्थ्य, स्वच्छता और कोरोना व्यवस्थापन पर सामाजिक उत्तरदायित्व की निधि (सीएसआर) खर्च करने को मंजूरी दी थी। इस निर्णय अनुसार कंपनियों द्वारा कोरोना व्यवस्थापन के लिए खर्च किया जा रहा है। वाणिज्य मंत्रालय इसमें किसी भी तरह का बदलाव न करे, यह आदेश उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने दिया है।

बड़े पैमाने पर मिली निधि
कोरोना संक्रमण बड़े पैमाने पर है, जिससे स्वास्थ्य तंत्र लड़खड़ा गया है। बेड, दवाइयां और ऑक्सीजन की भारी कमी है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अनेक शासकीय व निमशासकीय अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए सीएसआर फंड से निधि प्राप्त की जा सकती है। नागपुर प्रशासन को कोल इंडिया, वेकोलि, मॉयल व अन्य निजी कंपनियों से बड़े पैमाने निधि उपलब्ध हुई है। इस अंतर्गत मेडिकल, मेयो और एम्स में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 14 करोड़ 96 लाख 24 हजार रुपए का खर्च है। कोल इंडिया, वेकोलि और मॉयल द्वारा प्रशासन को 15 करोड़ 38 लाख रुपए मिले हैं। इसमें यह खर्च किया जाएगा। 

उत्तर प्रदेश की कंपनी को कार्यादेश
इन अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए डब्ल्यू-टू-ई-इंजीनियरिंग प्रा. लि., नोएडा, उत्तरप्रदेश की कंपनी को कार्यादेश दिया गया है। इसके लिए सोमवार को प्रशासन ने उच्च न्यायालय की अनुमति मांगी है। न्यायालय ने भी अनुमति दी है। दूसरी ओर विदर्भ में अनेक निजी कंपनियों से निधि मिल रही है। विदर्भ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन को सूची पेश करने के आदेश दिए हैं। हर साल केंद्र के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सीएसआर फंड को लेकर कंपनियों के लिए नई अधिसूचना जारी की कि कौन से विभाग में यह निधि खर्च करनी है, यह स्पष्ट किया जाता है। पिछले साल वाणिज्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य, स्वच्छता और कोरोना व्यवस्थापन विषय स्प्ष्ट किया था। इस संबंध में अब वाणिज्य मंत्रालय ने नई अधिसूचना जारी करने की बजाए सीएसआर फंड के लिए उसे कायम रखने के आदेश दिए हैं। 

जिला न्यायाल के लिए मानक कार्यप्रणाली 
जिला न्यायालय पर काम का अत्याधिक दबाव है। जिला न्यायालय में वकालत करने वाले वकीलों की कोरोना के कारण मृत्यु होने से ऑनलाइन काम की मांग होने लगी है। इसके बाद न्यायालय ने उच्च न्यायालय के निबंधक से एक मानक कार्यप्रणाली निश्चित की है। इस कार्यप्रणाली अनुसार नागपुर सहित विदर्भ के अन्य जिला व कनिष्ठ न्यायालय में काम करने के आदेश दिए हैं। 

मेघे, लता मंगेश्कर अस्पताल से पूछताछ 
शालिनीताई मेघे और लता मंगेश्कर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। इसके लिए एक करोड़ 74 लाख 64 रुपए का खर्च है। इन अस्पतालों का व्यवस्थापन निजी व्यक्तियों के पास होने से ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कुछ निधि अस्पताल भी दे, यह सूचना उच्च न्यायालय में की गई है। उच्च न्यायालय ने इन अस्पतालों से ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए क्या आवश्यक निधि में मदद की जा सकती है? यह पूछा है। 
 

Created On :   18 May 2021 3:09 PM IST

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