क्या आप जानते हैं ? पर्यावरण संरक्षण के पहले विशेषज्ञ हैं पैगंबर मोहम्मद साहब

Do you know ? Prophet Muhammad is the first expert on environmental protection
क्या आप जानते हैं ? पर्यावरण संरक्षण के पहले विशेषज्ञ हैं पैगंबर मोहम्मद साहब
क्या आप जानते हैं ? पर्यावरण संरक्षण के पहले विशेषज्ञ हैं पैगंबर मोहम्मद साहब

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को पहला पर्यावरण संरक्षण विशेषज्ञ कहने पर कोई अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मदीना के पास पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर बफर ज़ोन के तहत कई मील तक वृक्षों के काटने और जानवरों के शिकार के लिए सख्त मनाही के आदेश जारी किए थे। उन्होंने कहा था- "कोई भी मुसलमान जो एक दरख्त का पौधा लगाए या खेती में बीज बोए, फिर उसमें पक्षी और इंसान या जानवर जो भी खाते हैं, उसकी तरफ से दान है। इस दान का लाभ उसे हमेशा मिलेगा’। इससे पता चलता है कि पर्यावरण के प्रति जागृत होकर मानव उसका घनिष्ठ मित्र बनंे, पौधों को अपना परिजन समझें तभी संरक्षण किया जा सकता है।

पवित्र क़ुरआन में कहा गया है कि ‘जिसने एक इंसान की जान बचाई, उसने पूरी मानवता की जान बचाई’। इंसान अगर प्राकृतिक नियमों का पालन करें तो ग्लोबल वार्मिंग की समस्या ही पैदा नहीं होगी। इंसान ने प्रकृति के साथ जबसे शोषण का रवैया अपनाया है, तबसे समस्याएं पैदा हुई हैं। अल्लाह ने कायनात को जीव-जंतुओं के रहने के लिए योग्य और संतुलित बनाया है। अनेक हिकमतें रखी गई हैं। अल्लाह ने दूरदर्शिता के साथ कायनात की रचना की है और जीव-जंतु के लिए खानपान का प्रबंध किया है। जिस चीज़ की जितनी मात्रा में आवश्यकता थी, वह सब उपलब्ध करा दी गई। उदाहरण के तौर पर जीव-जंतुओं को पानी, ऑक्सीजन आदि की आवश्यकता है, तो वह असंख्य और अत्यधिक मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जिनकी जीव-जंतुओं को कम मात्रा में आवश्यकता होती है, वह दुनिया में कम मात्रा में उपलब्ध है। इसी तरह दुनिया में हर एक चीज़ का संतुलन मौजूद है।  -डॉ. एम. ए. रशीद, नागपुर

हज के दौरान पौधे नहीं तोड़ सकते
खास बात यह है कि मक्का में हज के दौरान अहराम की स्थिति में पौधों को नहीं तोड़ा जा सकता, शिकार नहीं किया जा सकता। लाखों लोग प्रवेश करते हैं वहां पर पाबंदियां लगा दी गईं। आज सिद्ध होता है कि यह सब कुछ पर्यावरण को नियंत्रण करने के लिए कदम उठाए गए थे। पवित्र क़ुरआन के अनुसार "हमने पानी से ही हर चीज़ को जिंदगी दी है। यहां इसकी रक्षा संवर्धन के रूप में उसे बचाना और उसको आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल पर हमें अल्लाह तआला को उसका जवाब देना होगा’।


 

Created On :   9 July 2021 4:04 PM IST

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