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डाक्टर पति वाट्सअप पर बताता था इलाज, बिना डिग्री पत्नी करती थी मरीजों का उपचार

डिजिटल डेस्क,मुंबई । बांबे हाईकोर्ट ने एक डाक्टर द्वारा अपनी पत्नी को व्हाट्सएप पर मरीज के उपचार की जानकारी देने को गंभीर अपराध माना है। हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद पाया कि आरोपी रमाशंकर सरोज पेशे से डाक्टर हैं। उसे पता था कि उसकी पत्नी के पास डाक्टर के रुप में कार्य करने के लिए जरुरी लाइसेंस व वैध डिग्री नहीं है। फिर भी उसने पत्नी को अपने क्लिनिक में डाक्टर के रुप में काम करने दिया। यहीं नहीं आरोपी अपनी पत्नी को व्हाट्सएप पर बताता था कि मरीज को क्या उपचार देना है। आरोपी की गंभीर अपराध में संलिप्तता नजर आ रही है। इसलिए आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है।
मुंबई सीआईडी की यूनिट सात ने इस मामले को लेकर आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420,419, 468, 471, व महाराष्ट्र मेडिकल प्रैक्टिशनर एक्ट की धारा 33,34, 36 व 38 के तहत मामला दर्ज किया है।मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आरोपी ने पहले सत्र न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। किंतु सत्र न्यायालय ने आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसलिए आरोपी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन दायर किया था। अवकाशकालीन न्यायमूर्ति माधव जामदार के सामने जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ने पाया कि आरोपी ने अपनी पत्नी के अपराध करने में मदद की है। आरोपी को पता था कि उसकी पत्नी के पास डाक्टर के रुप में काम करने के लिए वैध डिग्री नहीं है फिर भी वह पत्नी को व्हाट्सएपपर मरीज को उपचारकी जानकारी भेजता था। इसके बाद डाक्टर की पत्नी नीलम पासी संवेदनशील मरीज व गर्भवती महिलाओं का भी उपचार करती थी। न्यायमूर्ति ने कहा कि यह तथ्य आरोपी की गंभीर अपराध में संलिप्तता को दर्शाते हैं। इसलिए आरोपी को राहत नहीं दी जा सकती हैऔर उसके जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है।
Created On :   13 Nov 2021 6:24 PM IST