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गर्भवती बताकर किया इलाज, अब कहते है कुछ नहीं हैं पेट में

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा. । 9 माह तक गर्भवती बताकर जिस महिला का उपचार किया गया, अब प्रसव के समय उससे कहा जा रहा है कि पेट में कुछ नहीं है। कलेक्ट्रेट पहुंची 30 वर्षीय महिला ने उसका इलाज करने वाली महिला चिकित्सक पर धोखा करने का गंभीर आरोप लगाया है। स्वयं को दुखी, पीडि़त और अपमानित बताते हुए उक्त महिला ने संबंधित महिला चिकित्सक के खिलाफ जांच कार्रवाई करने मांग की है।
मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परासिया से संबंधित है। न्यूटन चिखली वार्ड क्रमांक- 6 निवासी महिला के अनुसार उसकी शादी10 साल पहले हुई है। स्थानीय सरकारी अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सक ने उसे गर्भवती बताकर 9 माह तक उपचार किया। उसके गर्भवती होने की खबर से परिवार में खुशी थी। इस दौरान उसकी महावारी भी नहीं आई और उसके पेट का आकार बढ़ता रहा। इस दौरान उसी महिला चिकित्सक के कहने पर उसने परासिया और छिंदवाड़ा के दो निजी क्लीनिकों में अलग- अलग दो बार सोनोग्राफी करवाई, जहां उसे गर्भवती नहीं होने की बात कही गई, फिर भी उक्त महिला चिकित्सक ने उसका उपचार जारी रखा। अब प्रसव तिथि आने पर चिकित्सक कहती है कि वो गर्भवती नहीं है।
न्याय नहीं मिला तो कर लूंगी आत्महत्या
सोमवार को जिला अस्पताल आई महिला की जांच कर डॉक्टर ने उन्हें गर्भवती नहीं होने की बात कही। जिसके बाद पीडि़ता ने कलेक्टे्रट पहुंचकर उसका इलाज करने वाली परासिया सरकारी अस्पताल की डॉक्टर के खिलाफ जांच कार्रवाई करने आवेदन दिया। जिसमें उसने न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या करने की बात भी लिखी है।
--- 30 वर्षीय का विवाह वर्ष 2008 में हुआ।
--- सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परासिया में जांच उपचार: 25 अगस्त- 17, 7 नवम्बर-17, 19 जनवरी-18
--- आंगनबाड़ी में पंजीयन : अगस्त-17
--- निजी क्लीनिक परासिया में जांच: 9 अक्टूबर- 17
--- निजी क्लीनिक छिंदवाड़ा. में जांच: 13 जनवरी-18
--- प्रसव की संभावित तिथि: 8 जनवरी-18 और 7 फरवरी- 18
--- जिला अस्पताल में जांच : 5 फरवरी 18
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Created On :   6 Feb 2018 1:32 PM IST