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कोरोना में सेवा देने वाले डॉक्टर हुए बेरोजगार, सरकार से की संविदा संविलियन की मांग

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोरोना कॉल में जानजोखिम में डालकर दो वर्ष तक काम करने वाले डॉक्टरों को सरकार ने बाहर कर दिया है। बेरोजगार हुये डॉक्टरों ने अब शासन से संविदा संविलियन की मांग की है। मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में भोपाल में एकजुट हुये डॉक्टरों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है। मप्र कोविड चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विष्णु कुमार साहू ने बताया की सरकार ने हमें 3 माह के लिये सेवा में रखा था, बाद में कार्यकाल बढ़ाते हुए 2 वर्ष तक काम कराया गया। जब कई बड़े शासकीय डॉक्टर्स छुट्टी लेकर घर में बैठ गये थे, तब भी अस्थाई कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान लगाकर कोरोना महामारी में सेवाएं दी।
अब सरकार ने इन डाॅक्टरों को बजट का बहाना बनाकर बाहर कर दिया है। मप्र में लगभग 2000 कोरोना कर्मचारी को बेरोजगार कर दिया। डॉ साहू का कहना है कि सरकार के पास स्वास्थ्य विभाग में लाखों पद खाली पड़े है। सरकार चाहे तो संविदा में संविलियन कर इन कोरोना योद्धाओं को रोजगार देकर इनके किये गये कार्यों कर तोहफा दे सकती है। इससे सरकार की चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार होगा। डॉ साहू ने चेताया है कि, सरकार अगर डॉक्टरों को रोजगार देने की दिशा मंे को कदम नहीं उठाती है तो निकट भविष्य में चुनाव को देखते हुए बड़ा जन आंदोलन किया जावेगा।
Created On :   27 Sept 2022 6:51 PM IST