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श्वान शेरा का शासकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर पुलिस विभाग में इंसान की तरह श्वान की अपनी महत्ता है। पुलिस विभाग के बम शोधक-निरोधक दस्ते के श्वान शेरा की मौत हो गई। शेरा करीब 4 साल से हिप डिस्प्लेसिया (कूल्हे की गंभीर बीमारी) नामक से ग्रसित था। शेरा का शासकीय सम्मान के साथ 21 बंदूकों की सलामी देकर अंतिम संस्कार किया गया। उसे बम स्क्वाॅड परिसर में दफनाया गया। शेरा की देखभाल करने वाले उसके हैंडलर व नायब सिपाही अभिषेक कश्यप और राजेेंद्र वानखेडे के अनुसार वह बीमार रहने के बाद भी काम में निपुण था। पिछले कुछ दिनों से उसकी तबीयत ज्यादा खराब चल रही थी। शेरा को वर्ष 2011 में छत्रपति चौक नागपुर निवासी डाॅ. जैन के यहां से पुलिस विभाग ने खरीदा था, यह लेब्राडोर प्रजाति का डाग था। उस समय वह छोटा था।
वर्ष 2012 में अक्टूबर माह में उसे पुणे स्थित प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। मई 2012 में शेरा ने प्रशिक्षण हासिल करने के बाद नागपुर लौटा। नागपुर आने के बाद शेरा ने मुख्यमंत्री निवास, एयरपोर्ट, संघ बिल्डिंग मुख्यालय, हाईकोर्ट, जिला सत्र न्यायालय, विधान भवन की ड्यूटी में तैनात किया गया। वह हाईकोर्ट और जिला सत्र न्यायालय में रुटीन जांच के लिए जाया करता था। बम निरोधक विभाग में किंग, शिवा, राजा कार्यरत है। इस विभाग का एक श्वान शहर पुलिस श्वान दस्ते के पास है। वह भी विस्फोटक शोधक वाला श्वान है। इस विभाग का श्वान राजा फरवरी माह में सेवानिवृत्त हो रहा है। इन श्वानों को पुलिस विभाग से 10 वर्ष के बाद रिटायर्ड कर दिया जाता है।
बेहद गमगीन कर गई उसकी मौत
बम निरोधक दस्ते के पुलिस िनरीक्षक प्रदीप फुल्लरवार का कहना है कि शेरा की मौत ने विभाग को गमगीन कर दिया है। शेरा के हैंडलर रहे नायब सिपाही अभिषेक कश्यप और राजेंद्र वानखेडे भी काफी दु:खी हैं। अभिषेक और राजेंद्र से शेरा को बेहद लगाव हो गया था।
शेरा-राजा की लाजवाब दोस्ती
शेरा और राजा के बीच कितनी लाजवाब दोस्ती थी। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि शेरा को जब दफनाया जा रहा था, तब राजा काफी देर तक वहीं बैठा रहा। उसके हैंडलर उसे ले जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह उठता और फिर से उसी जगह पर बैठ जाता था। उनके हैंडलर को समझ गया कि वह अपने दोस्त की जुदाई को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। इसलिए काफी देर तक उसे वहीं पर अकेला छोड़ दिया गया। उसके बाद वह उस जगह से उठकर अपने कमरे की ओर चल दिया।
9 साल तक किया कार्य
सूत्रों के अनुसार बम शोधक व निरोधक विभाग में करीब 9 साल तक कार्यरत रहने वाले शेरा नामक श्वान की 3 दिसंबर को सुबह करीब 8 बजे मौत हो गई। शेरा को हिप डिस्प्लेसिया नामक कूल्हों की बीमारी हो गई थी। उसका करीब एक साल से नागपुर वेटरर्नी कॉलेज में उपचार शुरू था। 30 दिसंबर से वह मेडिकल लिव (सिक अवकाश) पर था। शेरा ने अपने 9 साल के कार्यकाल में एंटी सैबोटेज चेक, विविध वीवीआईपी बंदोबस्त के अलावा अन्य कई स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था का बड़ी ही कुशलता के साथ कार्य किया। उसने महाराष्ट्र राज्य स्तर पर वर्ष 2018 में पुणे में हुए महाराष्ट्र राज्य पुलिस श्वान स्पर्धा (एमएसपीडीएम) में तीसरा क्रमांक हासिल किया था। शेरा ने नागपुर में आयोजित कर्तव्य सम्मेलन कार्यक्रम में गोल्ड मेडल जीता था। शेरा को विस्फोटक में विशेष रूप से प्रशिक्षण दिलाया गया था।
Created On :   4 Jan 2021 5:41 PM IST