कबाडियों ने मेढौली के सरकारी स्कूलों के उखाड़ लिए दरवाजे

Door theft of the government schools Maidholi by Kabbadies
कबाडियों ने मेढौली के सरकारी स्कूलों के उखाड़ लिए दरवाजे
कबाडियों ने मेढौली के सरकारी स्कूलों के उखाड़ लिए दरवाजे

डिजिटल डेस्क सिंगरौली (मोरवा)। दिनभर खदानों में विस्फोट और शोरगुल के बाद मेढौली के  लोग रात को भी सुकून से नहीं सो  पाते हैं। मुआवजे की आस में जर्जर और खतरा मोल लेकर रह रहे लोगों को चौतरफा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। साफ पानी और हवा के लिये तरस रहे लोगों पर कबाडिय़ों का आतंक भी सिर चढ़ कर बोल रहा है। जिसने भी दो चार दिन के लिये घर छोड़ा अगले दिन उसके घर में सामान तो दूर दरवाजा खिड़कियां भी सही सलामत मिल जायें तो बड़ी बात है। इसी प्रकार की समस्या से यहां संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय मेढौली व देवरी डॉंड़ स्कूल भी जूझ रहे हंै। आये दिन इन स्कूलों के दरवाजे और खिड़कियों को कबाड़ी अपना शिकार बना रहे हं जिससे बच्चों की पढ़ाई पर तो असर पड़ ही रहा है विद्यालयीन रिकार्ड भी खतरे में बने रहते हैं।
खदान के मुहाने पर आ चुके इन दोनों स्कूलों में एक  देवरी डॉड स्कूल की तीन कक्षाओं की व्यवस्थाएं तो कुसवई वार्ड क्रमांक एक में एनसीएल ने नया भवन बनाकर कर दी है। लेकिन देवरीडॉड स्कूल की प्राथमिक कक्षाएं अभी तक बिना दरवाजे खिड़कियों वाले कमरों में चल रही हैं। जिससे हर दिन छात्र व छात्राएं समस्याओं से दो चार हो रहे हैं। 
छुट्टी के अगले दिन कम हो जाती हैं खिड़कियां
बताया जाता है कि हर दिन या फिर रविवार अथवा किसी भी अवकाश के बाद जब विद्यालय खुलता है तो बचे हुए दरवाजे और खिड़कियां गायब मिलती हंै। दूसरी तरफ कक्षाओं वाले कमरों में पशुओं का डेरा और गोबर के ढेर मिलते हैं। इतना ही नहीं अराजक तत्वों की रिहायश होने के संकेत भी मिलते हंै। स्कूल शुरू होने से पहले साफ सफाई भी एक बड़ी समस्या बन जाती हैे लेकिन स्थानीय बच्चों को अपनी पढ़ाई करने से पहले अराजक तत्वों की करतूतों से सामना करना पड़ता है। सर्वविदित है कि वार्ड 10 के इस मेढौली एरिया को जल्द से जल्द हटाया जाना है लेकिन अभी तक मूलभूत सुविधाएं तक प्रदान नहीं की जा सकी है। जिससे कम से कम आने वाली पीढ़ी की शिक्षा व्यवस्था ही सुचारू रूप से बनी रहती। कबाड़ी कब इनके भविष्य का लेखाजोखा मिटा देंगे, कहा नहीं जा सकता है। इसलिये जिला प्रशासन व एनसीएल प्रबंधन सबसे पहले इन दोनों ही स्कूलों को शिफ्ट कर यहां के  बच्चों के आने जाने की सुविधा प्रदान करे, जिससे कि सैकड़ों बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित न हो।
 

Created On :   26 Feb 2018 2:46 PM IST

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