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डॉ. खडक्कार का सीएम को लिखा- शिक्षकों की भर्ती में होता भारी भ्रष्टाचार, एमपीएससी को मिले जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अनुदानित (ऐडेड) कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग (एमपीएससी) जरिए होनी चाहिए, क्योंकि नियुक्ति का अधिकार शिक्षा संस्थानों को मिलने के बाद इसमें भष्ट्राचार होता है। शिक्षाविद और विदर्भ वैधानिक विकास मंडल के पूर्व विशेषज्ञ सदस्य डॉक्टर संजय खडक्कार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर यह मांग की है।
डॉ खडक्कार के मुताबिक शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार कोई ढकी छिपी बात नहीं है। सबको पता है कि निजी शिक्षा संस्थानों के पास नियुक्ति का अधिकार होने के चलते न्यूनतम योग्यता और अधिकतम पैसे देने की क्षमता के आधार पर उम्मीदवारों का चुनाव होता है। नियुक्ति के लिए 40-50 लाख रूपए तक घूस ली जाती है। राज्य सरकार जल्द ही ऐडेड शिक्षा संस्थानों में 3922 शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रही है। ऐसे में अगर हर नियुक्ति के लिए 50 लाख घूस ली गई तो घूस की कुल रकम करीब 980 करोड़ रुपए पहुंच जाएगी।
ऐडेड कॉलेजों में नियुक्त किए जाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति के बाद उनके वेतन भत्ते सरकार की जिम्मेदारी होती है। तो फिर सरकार भ्रष्टाचार रोकने के लिए खुद नियुक्तियां क्यों नहीं कर रही है। राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने करीब चार हजार शिक्षकों की को मंजूरी देने का ऐलान किया है। कुल 4738 शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की भर्ती होनी है। इनमें से 3580 पद शिक्षकों के लिए होंगे। महाराष्ट्र पब्लिक युनिवर्सिटी एक्ट 2016 की धारा 105 की उप धारा (9) ऐडेडे कॉलेजों में शिक्षकों और दूसरे कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया निर्धारित करती है।
यह कॉलेज के मैनेजमेंट को नियुक्ति का अधिकार देती है। सरकारी कॉलेजों में नियुक्ति एमपीएससी के जरिए होती है। दोनों मामलों में 100 फीसदी वेतन राज्य सरकार देती है। इसलिए कानून में बदलाव कर ऐडेड कॉलेजों में भी एमपीएससी के जरिए ही नियुक्ति की जानी चाहिए। अगर एमपीएससी पर ज्यादा बोझ हो तो नियुक्तियों के लिए आयोग बनाया जा सकता है।
Created On :   9 Nov 2018 7:18 PM IST