BJD ने कहा- अनियमितताओं को छिपाने के लिए जय-जगी पांडा कर रहे मीडिया कंपनी का उपयोग, HC से याचिका भी खारिज

BJD ने कहा- अनियमितताओं को छिपाने के लिए जय-जगी पांडा कर रहे मीडिया कंपनी का उपयोग, HC से याचिका भी खारिज
BJD ने कहा- अनियमितताओं को छिपाने के लिए जय-जगी पांडा कर रहे मीडिया कंपनी का उपयोग, HC से याचिका भी खारिज

डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। ओडिशा टीवी के प्रोमोटरों के राजनीतिक प्रतिशोध के तहत 20 FIR दर्ज करने के आरोपों को बीजद सरकार ने गलत बताया है। बीजद के प्रवक्ता डॉ. ससमित पात्रा ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा और उनकी व्यवसायी पत्नी जगी मंगत पांडा खुद को बचाने के लिए मीडिया कंपनी का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, बिजनेस की अनियमितताओं को छिपाने के लिए इन लोगों का मीडिया का दुरुपयोग करना अब काम नहीं करेगा। पात्रा ने बताया कि ओडिशा हाई कोर्ट ने जमीन हड़पने के मामले में दोनों की अंतरिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी है। 

बता दें कि जय पांडा और उनकी पत्नी न्यूज चैनल ओटीवी नेटवर्क के मालिक हैं। दोनों ओडिशा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (OIPL) में शेयर होल्डर हैं। जगी पांडा के पास 1.25 लाख से ज्यादा शेयर है, जबकि उनके पति के पास OIPL के 35.9 लाख (90%) शेयर। पात्रा के मुताबित दोनों माइन ओनर है, रियल एस्टेट डेवलपर, कमर्शियल इंटरप्राइज और मीडिया हाउस चलाते हैं। इससे उन्हें करोड़ो रुपए की कमाई होती है। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने ओडिशा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ गैरकानूनी ढंग से जमीन हड़पने का मामला दर्ज किया है। यह पूरा मामला खुर्दा जिले के सौरा गांव में अनुसूचित जातियों की सात एकड़ जमीन से जुड़ा है।  

पात्रा ने कहा, ओडिशा भूमि सुधार (ओएलआर) अधिनियम के अनुसार, ओडिशा राज्य में केवल दलित लोग दलित भूमि को खरीद सकते हैं। जगी और जय पांडा ने अपने दलित ड्राइवर रबी शेट्टी का इस्तेमाल कर खुर्द जिले के सरुआ में 22 दलित किसानों की जमीन खरीदी और फिर उसी जमीन को अपने दलित ड्राइवर से OIPL कंपनी में ट्रांसफर करवा दिया। बाद में जब इन गरीब सीमांत किसानों को पता चला की उनकी जमीनों को धोखाधड़ी से जय और जगि पांडा ने ट्रांसफर कर दिया है तो खुर्द कलेक्टर के पास शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर, जांच की गई और मामला उड़ीसा हाईकोर्ट में चला गया। 20 नवंबर, 2020 को उड़ीसा हाईकोर्ट ने  जय और जगी पांडी की याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में दोनों ने हाईकोर्ट से एफआईआर और क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन को खत्म करने की अपील की थी।

क्या कहा था जगी पांडा ने?
ओडिशा टीवी के प्रोमोटरों ने आरोप लगाया था कि बीजद सरकार उन्हें तब से परेशान कर रही है, जब से बैजयंत पांडा राज्य सरकार के भ्रष्टाचारों का पदार्फाश करने और मुख्यमंत्री पर व्यक्तिगत प्रतिशोध का आरोप लगाने के बाद विपक्षी भाजपा में शामिल हो गए हैं। शनिवार को जारी एक बयान में भाजपा नेता की पत्नी जगी मंगत पांडा ने कहा, पिछले दो महीनों में ओडिशा की पुलिस ने ओटीवी और इससे संबंधित कंपनियों, यहां के कर्मचारियों, मेरे परिवार के सदस्यों के खिलाफ 20 फर्जी मामले दर्ज किए हैं, जिनमें मेरे 84 साल के पिता भी शामिल हैं।

उन्होंने  कहा, इन झूठे मामलों में कई आपराधिक आरोप भी हैं, जो ओटीवी की 23 साल की नैतिकता और शुद्धता के रिकॉर्ड को चोट पहुंचाती हैं। जगी ने आरोप लगाया है कि जब से बीजे पांडा भाजपा में शामिल हुए हैं, तब से मुख्यमंत्री व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने में जुटे हुए हैं। वह कहती हैं, ओटीवी पर निरंतर बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार का पदार्फाश करने के लिए बीजू जनता दल काफी नाराज है। इनमें कोविड फंड को लेकर हेरफेर भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यहां के कर्मियों को हर रोज पूछताछ के लिए तलब किया जाता है, हालांकि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। जगी ने कहा, हम ओडिशा के अधिकारियों के द्वारा निरंतर किए जा रहे उत्पीड़न के खिलाफ अदालत से दरख्वास्त करते रहेंगे।

Created On :   22 Nov 2020 4:26 PM GMT

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