चौरई बांध में पानी रोकने से पेंच भंडारण अभी भी खाली, मंडरा रहा जल संकट

drinking water problem create in nagpur district after chaurai dam stoppage
चौरई बांध में पानी रोकने से पेंच भंडारण अभी भी खाली, मंडरा रहा जल संकट
चौरई बांध में पानी रोकने से पेंच भंडारण अभी भी खाली, मंडरा रहा जल संकट

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। अपर्याप्त बारिश और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चौरई बांध में पानी रोकने से नागपुर-भंडारा को जलापूर्ति करने वाले पेंच प्रकल्प में जल भंडारण पर असर पड़ा है। इससे नागपुर और भंडारा पर पीने के पानी का संकट मंडरा रहा है। भीषण होती समस्या को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अब मध्य प्रदेश सरकार से चौरई बांध से पेंच प्रकल्प में 5 टीएमसी पानी छोड़ने की मांग की है। इस संबंध में राज्य के ऊर्जा मंत्री व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से दिल्ली में मुलाकात की। इस अवसर पर केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे।

पेंच-तोतलाडोह अभी भी खाली, 22.83 प्र.श. पानी
पेंच-तोतलाडोह जलाशय में सिर्फ 27 प्रतिशत पानी था। जलस्तर लगातार गिरने से यह 22.83 प्रतिशत पर आ गया है। इससे आगामी वर्ष शहर के लिए जलापूर्ति करना मुश्किल हो सकता है। अगर अच्छी बारिश नहीं होती है, तो शहर को जलापूर्ति करने वाले जलाशयों में पर्याप्त जल भंडारण होना मुश्किल है, जबकि इसी महीने पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने पेंच प्रकल्प का पानी किसानों को खरीफ फसल के लिए छोड़ने का निर्णय लिया है। पालकमंत्री के इस निर्णय से शहर का पानी वैसे ही कम हो रहा था, अब बारिश के गायब होने से संकट और बढ़ गया है।

चौरई जलाशय में  60 प्रतिशत पानी
मध्य प्रदेश के चौरई बांध के कारण पेंच में जल भंडारण कम हुआ है। इससे पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। पेंच से नागपुर और भंडारा की 30 लाख जनसंख्या को जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में चौरई बांध से 5 टीएमसी जलापूर्ति करने का निवेदन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की गई। पालकमंत्री ने कहा कि चौरई जलाशय का काम पूरा हुआ है। जलाशय में 60 प्रतिशत पानी है। चौरई बांध के आसपास का हिस्सा अभी भी विकसित नहीं हुआ है, जिससे उपलब्ध पानी से 5 टीएमसी पानी नागपुर और भंडारा जिले के लिए छोड़ा जाए। बावनकुले ने कहा कि मध्य प्रदेश की जलापूर्ति व्यवस्था प्रभावित न हो, इसे ध्यान में रखकर पानी महाराष्ट्र को दिया जाए। फिलहाल मुख्यमंत्री चौहान ने चर्चा के बाद निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।

ये हैं 5 बड़े जलाशय
नागपुर जिले में 5 बड़े जलाशय हैं। इसमें तोतलाडोह, नवेगांव खैरी, खिंडसी, नांद, वड़गांव शामिल हैं। तोतलाडोह और नवेगांव खैरी शहर को जलापूर्ति के लिए बड़े साधन हैं। 17 अगस्त तक तोतलाडोह में 22.83 प्रतिशत, नवेगांव खैरी में 35.79 प्रति., खिंडसी में 47.77 प्रति., नांद में 82.77 और वड़गांव में 71.87 प्रतिशत पानी शेष है। तोतलाडोह का प्रति वर्ष अनुसार आकलन करने पर जलाशय में अगस्त तक 60 से 70 प्रतिशत तक पानी भंडारण होता था, लेकिन चौरई बांध ने पानी का प्रवाह रोक दिया है, जिससे मध्य प्रदेश की ओर से आने वाला पानी तोतलाडोह में सीमित रह गया है। दूसरी मार बारिश की है। बारिश नहीं होने से जलस्तर में तेजी से गिरावट आई है।
 

Created On :   29 Aug 2018 11:30 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story