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सफलता की कहानी- ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगाने से दशरथ के आए अच्छे दिन

डिजिटल डेस्क बालाघाट । जिले के लांजी विकासखंड के ग्राम बिंझलगांव के निवासी दशरथ बुढ़ानशा पिछले 10 साल से अपने खेतों में सब्जियों की खेती कर रहे है। लेकिन पुराने तरीकों से खेती करने के कारण उन्हें कुछ भी लाभ नहीं हो पाता था। सब्जियों की खेती में जितना रुपया वे खर्च करते थे, लगभग उतनी ही आमदनी हो पाती थी। लेकिन अब दशरथ के दिन बदल गये है और उसके अच्छे दिन आ गये है। यह सब ड्रिप सिंचाई प्रणाली के दम पर हुआ है।
उद्यान विभाग के अधिकारी पी एस पन्द्रे, एम डी डहरवाल एवं एस हरिनखेड़े ने दशरथ को बहुत दिनों से सलाह दे रहे थे कि वे अपने खेत में ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगा लें। इससे उन्हें बहुत लाभ होगा। बहुत दिनों के इंतजार के बाद दशरथ ने उद्यान विभाग की योजना के अंतर्गत अनुदान लेकर अपने खेत में ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगा ली है। 06 माह पहले ही उनके खेत में ड्रिप सिंचाई प्रणाली लग गई है और उसने अच्छी तरह से काम प्रारंभ कर दिया है। दशरथ एवं उसके युवा पुत्र नीलंकठ ने अपने दो एकड़ खेत में इस बार टमाटर की फसल लगाई है ।
पौधों को मिलता है संतुलित आहार
ड्रिप सिंचाई प्रणाली से सिंचाई करने का फायदा दशरथ एवं उसके पुत्र नीलकंठ को अब समझ आने लगा है। इस नई सिंचाई प्रणाली से उनके खेत में इस बार टमाटर का बंपर उत्पादन हुआ है। ड्रिप सिंचाई प्रणाली से पौधों की सिंचाई होने पर पौधों को संतुलित मात्रा में पानी मिल रहा है। पहले सिंचाई के लिए अधिक पानी लगता था और जमीन के अधिक गीली होने से पौधों के साथ ही उसमें लगे टमाटर को भी नुकसान होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। अब पौधों के पानी से खराब होने का खतरा नहीं रहता है। इस प्रणाली से उर्वरक व दवा आदि डालने के लिए अधिक मेहनत नहीं करना पड़ता है। सीधे पानी के पाईप में उर्वरक का घोल मिला देने से प्रत्येक पौधे की जड़ तक वह पहुंच जाता है।
बाजार में मिल रहे अच्छे दाम
दशरथ के पुत्र नीलंकठ ने बताया कि महाराष्ट्र के आमगांव व गोंदिया के व्यापारी उनके खेत पर आकर टमाटर क्रय कर ले जाते है। इसके अलावा वे स्वयं भी मोहझरी, लांजी व अन्य स्थानों पर लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजार में टमाटर बेच देते है। नीलकंठ ने बताया कि अब वे खेत में भिंडी, बैगन व अन्य सब्जियां भी लगाने जा रहे है। ड्रिप सिंचाई प्रणाली से सिंचाई के लिए कम पानी लगने से वे अन्य सब्जियां की खेती भी

Created On :   13 April 2018 1:09 PM IST