केंद्रीय टीम के दौरे के बाद ही सूखा प्रभावितों को मिलेगी मदद : फडणवीस

Drought affected will get help after visiting central team : Fadnavis
केंद्रीय टीम के दौरे के बाद ही सूखा प्रभावितों को मिलेगी मदद : फडणवीस
केंद्रीय टीम के दौरे के बाद ही सूखा प्रभावितों को मिलेगी मदद : फडणवीस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में केंद्र सरकार की टीम के दौरे के बाद ही प्रदेश के सूखा प्रभावितों को आर्थिक मदद मिल सकेगी। प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य में सूखा प्रभावितों की मदद के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जा रहा है। सोमवार को अपने सरकारी आवास वर्षा पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार का प्रस्ताव मिलने के बाद केंद्र सरकार एक टीम भेजेगी। यह टीम राज्य में सूखे की स्थिति की पड़ताल करेगी। इस टीम कि रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार से महाराष्ट्र को आर्थिक मदद मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार गंभीर और मध्यम सूखाग्रस्त तहसीलों के लिए मदद करती है। लेकिन राज्य में कई तहसीलें ऐसी हैं, जहां पर 75 प्रतिशत से कम बारिश हुई हैं। लेकिन यह तहसीलें केंद्र के सूखा संहिता मानक को पूरा नहीं कर रही हैं। ऐसी तहसीलों में राज्य सरकार ने अपनी ओर से सूखा घोषित किया है। इनमें से जहां पर फसल कटाई में 50 प्रतिशत से कम आणेवारी होगी, वहां के लिए राज्य सरकार अपने स्तर से मदद करेगी। प्रदेश में गर्मी के मौसम में जलसंकट की स्थिति के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बड़े जलाशयों में पानी उपलब्ध है। पर मध्यम और छोटे जलाशयों में पानी नहीं है। कुछ बड़े जलाशयों का पानी छोटे जलाशयों में ले जाया जा सकता है। इसके अलावा पानी और चारा की उपलब्धता के बारे में हर जिले के लिए योजना बनाई जा रही है।

49 लाख किसानों को कर्ज माफी 

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 49 लाख 50 हजार किसानों को कर्ज माफी का लाभ मिला है। 21 हजार करोड़ रुपए की कर्ज माफी की गई है। इसमें से लगभग 18.50 करोड़ रुपए बैंक खातों में जमा करा दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आघाड़ी सरकार के समय कितने किसानों को राज्य में कर्ज माफी मिली थी। इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन इस बार कितने किसानों को लाभ मिला है। इसकी सूची सरकार के पास मौजूद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में घोटाला होने का आरोप लगाने वाले वरिष्ठ पत्रकार व किसान कार्यकर्ता पी साईनाथ को भी जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीमा योजना का गलत मतलब निकाले जाने के कारण इस तरह के बयान दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 4 हजार 10 करोड़ रुपए में 22 करोड़ रुपए का बीमा निकाला गया था। यदि प्राकृतिक आपदा नहीं आती है तो इसके पैसे नहीं मिलते हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि साल 2015-16 में किसानों को 4 हजार 200 करोड़ रुपए का बीमा मिला था। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश भर में फसल बीमा योजना का सबसे अधिक लाभ राज्य के किसानों को हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग वाहनों का बीमा निकालते हैं। लेकिन हममे से कितने लोग बीमा क्लेम करते हैं। फिर हम कह सकते हैं कि कंपनियों के फायदा पहुंचाने के लिए बीमा निकाला गया। इससे पहले पत्रकार साईनाथ ने कहा था कि फसल बीमा योजना में राफेल विमान सौदे से भी बड़ा घोटाला हुआ है। सिंचाई घोटाले में राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार की गिरफ्तारी पर फडणवीस ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे ने जो बात कही है वो मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के नाते मैं नहीं बोल सकता। पर उस मामले 

फीस प्रति पूर्ति योजना के लिए आय सीमा ढाई लाख

इसके अलावा प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त निजी गैर अनुदानित व स्थायी  बिना अनुदानित शिक्षा संस्थाओं के प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला लेने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों कि फीस प्रतिपूर्ति योजना के लिए अभिभावकों की वार्षिक आय की सीमा में बढ़ोतरी की गई है। योजना का लाभ लेने के लिए अभिभावकों की आय सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपए कर दी गई है। यह फैसला आर्थिक वर्ष 2018-19 से लागू होगा। इससे अब अधिक छात्रों को फीस प्रतिपूर्ति योजना का लाभ मिल सकेगा। सरकार ने सालाना आय सीमा में संशोधन किया है। इससे संबंधित शासनादेश सामाजिक न्याय विभाग ने जारी किया है। 
 

Created On :   5 Nov 2018 2:42 PM GMT

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