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काेयला उत्खनन से महाराष्ट्र के इस गांव में सूख गए कुएं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में बड़े पैमाने पर वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) की कोयला खदानें हैं। इन्हीं खदानों के लिए हो रहे उत्खनन की वजह से पारशिवनी तहसील के सावली गांव के कई कुओं का पानी सूख गया है। जिस कारण अब इस गांव के लोगों को कड़ी धूप में पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। कुछ महीने पहले पारशिवनी तहसील के डोरली, सिंगोरी, सावली इस क्षेत्र में नई कोयला खदानें शुरू की गई हैं। इन्हीं खदानों से लगकर सावली गांव के खुशाल चिकनकर (68), शैलेंद्र चिकनकर और देवेंद्र चिकनकर की 12 एकड़ खेती में बनाया गया कुआं जो कि पूरे गांव को पानी पिलाता है, वह कुआं अचानक 15 दिन में सूख गया।
जिससे गांव वालों को पानी मिलना बंद हो गया है। इतना ही नहीं तो मवेशियों के लिए भी यह कुएं एक वरदान थे, आज मवेशियों को भी पानी नहीं मिल रहा है। इसी कुएं का पानी खेत में भी छोड़ा जाता था। अब पानी नहीं मिलने से किसानों के खेत को भी नुकसान होने की संभावना बनी है। किसान नेता संजय सत्येकार ने गांव में जाकर निरीक्षण किया तो पता चला कि, कुआं सूखने का मुख्य कारण कोयला खदान द्वारा 200 से 300 फीट खुदाई करना है।
यह कोयला खदान के आस-पास के क्षेत्रों का पानी खींच लेता है। जिसके कारण आस-पास के कुओं के पानी का स्तर घट जाता है। किसानों के सूखे पड़े कुओं की नुकसान भरपाई करने की मांग वेकोलि व सरकार से की गई है। इतना ही नहीं तो किसानों की बची हुई जमीन वेकोलि अधिग्रहित करे और जमीन का उचित मुआवजा किसानों को दे। साथ ही प्रकल्पग्रस्तों को नाैकरी देने की मांग भी यहां की गई है।
Created On :   29 May 2018 5:35 PM IST