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स्वास्थ्य दल की सतर्कता से मेलघाट की महिला की हुई सुरक्षित प्रसूति

डिजिटल डेस्क, अमरावती। संस्थात्मक प्रसूति का प्रमाण बढ़ाना यह मेलघाट में बड़ी चुनौती है। गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए कभी-कभी स्वास्थ्य दल को अथक प्रयास करना पड़ता है। चिखलदरा तहसील के भिलखेडा ग्राम में ऐेसे ही एक मामले में अस्पताल में भर्ती होने से इंकार करने वाली माता को स्वास्थ्य दल द्वारा समझाए जाने के बाद उसे भर्ती किया गया और उसकी प्रसूति सुरक्षित हुई और नवजात सकुशल है। चिखलदरा तहसील में आने वाले भिलखेडा ग्राम की एक गर्भवती महिला के शरीर और पैर में सूजन होने की बात जांच में सामने आई है। उसे अस्पताल में भर्ती होना काफी आवश्यक था। इस कारण उसे और उसके परिवार को समझाया गया। अस्पताल में उसकी जांच स्त्री रोग विशेषज्ञ से की गई। जांच में उसका रक्तदाब बढ़ा दिखाई दिया। इस कारण उस पर औषोधपचार शुरू कर एक सप्ताह में प्रसूति के लिए भर्ती करना पड़ेगा ऐसा अस्पताल की तरफ से बताया गया। एक सप्ताह बाद वेदना बढ़ने की जानकारी आशा सेविका को मिलते ही उसने अस्पताल को सूचित किया।
वैद्यकीय अधिकारी डॉ. संतोष नागले ने धामणगांव गढी से एंबुलेंस ली और भिलखेड़ा ग्राम पहुंचे। माता की प्रसूति वेदना शुरू थी, लेकिन वह अस्पताल जाने के लिए तैयार नहीं थी। सास और पति घर में न होने से वह अस्पताल नहीं आ सकती। यह बात वह कह रही थी। वैद्यकीय अधिकारी व स्वास्थ्य दल उसे समझाने का प्रयास करता रहा। ऐसे में माता की प्रसूति वेदना काफी बढ़ गई थी। स्वास्थ्य दल भी चिंता में आ गया था। ऐसे वक्त प्रसूति के दौरान क्या हो सकता है इसकी कल्पना मरीज को नहीं थी। स्वास्थ्य दल के सामने माता की प्रसूति सुरक्षित और सकुशल करना ही लक्ष्य था। आखिरकार इस दल की महिला सदस्या डॉ. नीता नागले, स्वास्थ्य सेविका हिना सौदागर, सीमा भूरय, आंगनवाड़ी सेविका रीमा बेलसरे ने एकत्रित होकर महिला को संभाला और उसे घर के बाहर ले आए। इसके पश्चात किसी तरह से उसे अस्पताल में भर्ती किया। आशासेविका खुद उसके साथ अस्पताल में रही। वैद्यकीय दल ने उपचार शुरू किया और उसकी सुरक्षित प्रसूति हुई। उच्च रक्तदाब का खतरा टल गया। इस तरह माता की संस्थात्मक प्रसूति करने में दल को सफलता मिली।
Created On :   19 March 2022 6:25 PM IST