पूर्व जस्टिस चंद्रशेखर धर्माधिकारी पंचतत्व में विलीन, सीएम और गवर्नर ने जताया शोक

Due to the demise of Dharmadhikari, the state lost humanist and true Gandhian- Governor
पूर्व जस्टिस चंद्रशेखर धर्माधिकारी पंचतत्व में विलीन, सीएम और गवर्नर ने जताया शोक
पूर्व जस्टिस चंद्रशेखर धर्माधिकारी पंचतत्व में विलीन, सीएम और गवर्नर ने जताया शोक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वरिष्ठ गांधीवादी और मुंबई उच्च न्यायालय के रिटायर जस्टिस पद्मभूषण से सम्मानित चंद्रशेखर धर्माधिकारी पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। सोमवार मध्यरात्रि उनका निधन हो गया था। वे 92 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार शाम 4 बजे अंबाझरी घाट में किया गया। उनका पार्थिव अंतिम दर्शन के लिए सर्वोदय आश्रम में रखा गया था। जहां से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। चंद्रशेखर धर्माधिकारी पिछले कुछ दिनों से काफी बीमार चल रहे थे । दिल का दौरा पड़ने के कारण उनका अस्पताल में उपचार जारी था। उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।


बाम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस चंद्रशेखर धर्माधिकारी के निधन पर राज्यपाल सी विद्यासागर राव, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल ने कहा कि पद्मभूषण धर्माधिकारी के निधन से प्रदेश ने एक वरिष्ठ मानवतावादी और सच्चे गांधीवादी व्यक्तित्व को खो दिया। जिसका हमें दुख है। राज्यपाल ने कहा कि धर्माधिकारी ने

बाम्बे हाईकोर्ट में एक आदर्श जस्टिस के रूप में अपनी छाप छोड़ी थी। धर्माधिकारी एक प्रभावी वक्ता और उत्तम लेखक थे। ग्रामविकास, श्रमिक प्रतिष्ठा व खादी के समर्थक थे। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ गांधीवादी विचारक धर्माधिकारी के निधन से नई पीढ़ी का मार्गदर्शक खो गया है। धर्माधिकारी वैचारिक और सामाजिक प्रतिबद्धता को समर्थ रूप से संभाल रहे थे। गांधी के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए आखिरी समय तक प्रयासरत थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अत्यंत कम आयु में स्वतंत्रता की लड़ाई में हिस्सा लेने वाले धर्माधिकारी का न्यायदान के क्षेत्र में योगदान बहुमूल्य है। वे विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से लंबे समय तक सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में सेवारत थे। उन्होंने समय-समय पर सरकार का मार्गदर्शन भी किया। महिला सुरक्षा के संबंध में उनकी अध्यक्षता में बनाई गई समिति ने कई उपयुक्त सुझाव दिए। जिसको सरकार ने स्वीकार किया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि धर्माधिकारी के निधन से गांधीवादी विचारों पर अटूट श्रद्धा रखने वाले व्यक्ति खो गया है। उन्होंने देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में योगदान दिया। जिससे उनको तीन साल जेल में भी रहना पड़ा।

Created On :   3 Jan 2019 9:12 PM IST

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