पार्षदों का कार्यकाल खत्म होने से करोड़ों के कार्य प्रभावित 

Due to the end of the tenure of the councilors, the work of crores affected
पार्षदों का कार्यकाल खत्म होने से करोड़ों के कार्य प्रभावित 
अमरावती पार्षदों का कार्यकाल खत्म होने से करोड़ों के कार्य प्रभावित 

डिजिटल डेस्क,अमरावती। स्थानीय महानगरपालिका के सदस्यों तथा पदाधिकारियों का पांच वर्षीय कार्यकाल इसी माह 8 मार्च को समाप्त हो चुका है। जिसके बाद मनपा की बागडोर बतौर प्रशासक निगमायुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर को सौंपी गई है। किंतु प्रशासक राज कायम हो जाने से पार्षदों द्वारा तैयार की गई विकास कार्यों की छोटी-बड़ी कुल 200 से अधिक फाइलें निरस्त होने की स्थिति में पहुंच चुकी है। इनमें से अधिकतर फाइलें अंतिम समय में काम प्राप्त करने की जरूरत से पार्षदों ने प्रशासकीय मंजूरी के लिए भेजी थीं। जिनका अब कोई भी औचित्य नहीं बचा है।

 मनपा के कुल 87 निर्वाचित पार्षदों तथा पांच मनोनीत सदस्यों द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों के विकास कार्यों के लिए कुल 3 करोड़ 96 लाख के काम सुझाए गए थे। यह कार्य 15वें वित्त आयोग की शेष निधि के साथ ही राज्य सरकार द्वारा स्थानीय विकास कार्यों के लिए दी गई निधि से पूरे किए जाने थे। प्रशासक राज लागू होने की वजह से अकोली प्रभाग के सभी अधिक प्रस्तावित कार्यों पर तलवार लटक चुकी है। यह कार्य अब कम से कम 7 माह के लिए लंबित रहने का संकट खड़ा हो चुका है। नागरिकों को सबसे अधिक परेशानी का सामना गोपाल नगर रेलवे टनल के काम की निधि आवंटन पर रोक लगने से होनेवाली है।  प्रशासक राज शुरू होने से एक माह पूर्व निर्वाचन आयोग की ओर से पार्षदों द्वारा उपयोग किए जानेवाली स्वेच्छा निधि पर भी रोक लगा दी गई थी। स्वेच्छा निधि पर रोक लगाए जाने के कारण 1 करोड़ 23 लाख के कार्य की मंजूरी रोकी गई थी। इस तरह चुनावी प्रक्रिया और प्रशासकराज के कारण 4 करोड़ 19 लाख के काम अधिकारिक रूप से प्रभावित हुए हैं। यह स्थिति चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक दिखाई देनेवाली है। 
 

Created On :   17 March 2022 3:11 PM IST

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