विकास के नाम पर फिजूलखर्ची, IFS अफसर और तत्कालीन DFO के खिलाफ जांच शुरू

Due to the name of development,investigating against IFS officer and DFO
विकास के नाम पर फिजूलखर्ची, IFS अफसर और तत्कालीन DFO के खिलाफ जांच शुरू
विकास के नाम पर फिजूलखर्ची, IFS अफसर और तत्कालीन DFO के खिलाफ जांच शुरू

डिजिटल डेस्क,भोपाल। राज्य के वन विभाग ने जो राशि वनों के विकास के लिए जारी की थी उसे विभाग के IFS अधिकारी ने मनमाने तरीके से खर्च कर दिया। मामला उजागर होने के बाद विभाग ने लघु वनोपज संघ भोपाल में पदस्थ अलीराजपुर के तत्कालीन DFO आर एस सिकरवार के खिलाफ विभागीय जांच शुरु कर 2 करोड़ 81 लाख की गडबड़ी का हिसाब मांगा है। हालांकि संबंधित अधिकारी अब विभागीय कार्रवाई को गलत ठहरा रहे हैं।

दरअसल वन विभाग को 2012 से 2015 के बीच कार्य आयोजना मद में 4 करोड़ 18 लाख रुपए वित्त विभाग से मिले थे। यह राशि तत्कालीन DFO अलीराजपुर आरएस सिकरवार ने वन विभाग की अनुमति के बिना ही कार्य आयोजना क्रियान्वयन मद में जमा कराने के बजाए वन विकास अभिकरण के खाते में जमा करा दी। इसके बाद तीन सालों की अवधि में राशि में से लाखों रुपए वन समितियों के विज्ञापन,वायरलैस मास्ट खरीदी और वन विकास अभिकरण के सभाकक्ष और विश्रामगृह की मरम्मत में खर्च कर दिए।

इस दौरान लाखों रुपए का भुगतान वन समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण के नाम पर अलीराजपुर की जनकल्याण समिति नामक एक ही संस्था को कर दिया गया। जो पौधे विभाग की नर्सरियों से प्राप्त हो सकते थे उन्हें भी खरीदना बताया गया। इतना ही नहीं पौधों को तैयार करने के लिए लाखों रुपए के बीज भी गुजरात से खरीदना बताए गए। इतने खर्च के बाद 2 करोड़ 81 लाख में से जो राशि बची उससे भंडार क्रय नियम और खरीदी की निर्धारित प्रक्रिया को अमल में लाए बिना लेपटॉप, CCTV कैमरे, एयर कंडिश्नर और कम्प्यूटर संबंधी अन्य सामग्री खरीद ली गई। विभाग की राशि के मनमाने खर्च का मामला उजागर होते ही विभाग ने संबंधित DFO को नोटिस जारी कर 2 करोड़ 81 लाख का हिसाब मांग लिया। हालांकि संबंधित DFO का जवाब नहीं मिलने से संबंधित DFO के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है।

तत्कालीन DFO आर एस सिकरवार का कहना है कि उक्त राशि विभागीय निर्देशों और वन समितियों की निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही खर्च की गई हैं। संबंधितों में किया गया भुगतान भी चैक से हुआ है, फिर भी मेरे खिलाफ हो रही विभागीय जांच सिर्फ मेरा प्रमोशन रोकने के लिए की जा रही है।
 

Created On :   12 Aug 2017 10:17 AM IST

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