28 यात्रियों को लेकर जा रही बस का टायर फटा, ड्राइवर व कंडक्टर जंगल में गुजारनी पड़ी रात

Due to the tyre blast, driver and conductor spend whole night in forest
28 यात्रियों को लेकर जा रही बस का टायर फटा, ड्राइवर व कंडक्टर जंगल में गुजारनी पड़ी रात
28 यात्रियों को लेकर जा रही बस का टायर फटा, ड्राइवर व कंडक्टर जंगल में गुजारनी पड़ी रात

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  गड़चिरोली से नागपुर आ रही एक शिवशाही बस का अचानक टायर फटने से गाड़ी जंगल में खड़ी हो गई। बस में 28 यात्री  सवार थे।  बस में स्टेपनी नहीं होने से टायर बदलें भी तो कैसे यह समस्या निर्माण हो गई। 20 से 25 मिनट डरी-सहमी हालत में यात्री वहीं रहे। आखिरकार वहां से  गुजर रही एक अन्य बस को रोक कर  यात्रियों को नागपुर की ओर रवाना किया गया जबकि  स्टेपनी नहीं होने से उस बस के ड्राइवर व कंडक्टर को वहीं रूकना पड़ा। नागपुर से एक बस के माध्यम से स्टेपनी मंगाई गई। जिसके बाद मध्यरात्रि बस की मरम्मत हो सकी।  नियमानुसार कोई भी यात्री बस में सुरक्षा इंतजाम में स्टेपनी का रहना अनिवार्य है। लेकिन इस बस में स्टेपनी का नहीं रहना लापरवाही को बयां कर रहा है।  

उल्लेखनीय है कि नागपुर में लाल बसों के अलावा हाईफाई समझी जानेवाली शिवशाही बस को राज्य परिवहन महामंडल के अंतर्गत लंबी दूरियों के लिए चलाया जा रहा है। कुल 28 बसें विभिन्न दिशाओं की ओर चलाई जाती है। यात्रियों को इसका अच्छा प्रतिसाद भी मिल रहा है। ऐसे में अब प्रशासन ने कुछ मार्ग पर प्राइवेट कंपनियों को प्रति किमी 18 रुपये पर बस चलाने की अनुमति दी है। नियमानुसार यह बसें यात्रियों के लिए पूरी तरह सुरक्षित होनी चाहिए। लेकिन ज्यादा मुनाफे के चक्कर में कुछ कंपनी मालिक खटारा बसों को शिवशाही के नाम पर चला रहे हैं। जिसमें एसी तक काम नहीं करते हैं। इसी तरह उपरोक्त घटना की बस भी पूरी तरह से खटारा थी। जिसका नंबर 0976 है। इस बस को गड़चिरोली से नागपुर आना था।

सूत्रों के अनुसार यह बस आरमोरी तक आने के बाद जंगल क्षेत्र में ही बस का टायर फट गया। ऐसे में बस को वहीं पर रोका गया। अपेक्षित था, बस में रखी स्टेपनी की मदद से मरम्मत कर बस को रवाना करते लेकिन देखने पर बस में स्टेपनी ही नहीं थी। ऐसे मे सवाल यह उठ रहा था, कि बस के यात्रियों को कैसे नागपुर तक भेजें ऐसे में करीब 20 मिनट से ज्यादा समय गुजरने के बाद नागपुर जानेवाली एक बस मार्ग से गुजरी उसे रोकते हुए यात्रियों को रवाना किया गया। इसके बाद भी बस को नागपुर तक कैसे लेकर चलें यह सवाल था। ऐसे में नागपुर फोन कर जानकारी दी गई। दूसरी बस के माध्यम से स्टेपनी बुलाई गई। इस दौरान बस में ड्राइवर व कंडक्टर दोनों को भूखे-प्यासे रात गुजारनी पड़ी।

Created On :   9 Oct 2018 2:22 PM IST

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