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आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने वालों को बड़ी राहत, जाति प्रमाण पत्र पेश करने मिलेगा एक साल का वक्त

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगरपालिका, नगर पालिका और ग्राम पंचायत की आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने वालों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य के करीब 9 हजार सदस्यों की सदस्यता खतरे में पड़ गई थी। मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जाति वैधता प्रमाण पत्र जमा करने की अवधि 6 माह से बढ़ा कर 12 महीने करने का फैसला लिया गया।
जाति वैधता प्रमाण पत्र पेश करने की अवधि अब एक साल
जाति वैधता प्रमाणपत्र न पेश करने वाले जनप्रतिनिधियों की सदस्यता रद्द करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में स्थानीय निकायों के करीब 9 हजार सदस्यों पर खतरे की तलवार लटक रही थी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत यदि इतनी बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों को अपने पद गंवाने पड़ते तो राज्य में उपचुनाव की नौबत आ जाती। इसलिए आरक्षित सीटों से चुनकर आए जनप्रतिनिधियों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने जाति वैधता प्रमाण पत्र पेश करने की समय सीमा बढ़ा दी है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से 9 हजार जनप्रतिनिधियों पर लटर रही थी तलवार
गौरतलब है कि चुनाव जीत कर आने के 6 माह के भीतर जाति वैधता प्रमाण पत्र न पेश करने वाले कोल्हापुर महानगरपालिका के 19 नगरसेवकों की सदस्यता रद्द करने का आदेश पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से राज्य की अन्य महानगरपालिका, नगरपालिका, नगर परिषद, जिला परिषद व पंचायत समितियों में आरक्षित सीटों से चुन कर आए जनप्रतिनिधियों पर भी खतरे की तलवार लटकने लगी थी। पिछले दिनों राज्य चुनाव आयुक्त जेएस सहारिया ने सभी विभाग आयुक्तों को पत्र लिख कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करने को कहा था।
Created On :   18 Sept 2018 5:51 PM IST