यूरिया संकट से परेशान किसानों ने किया स्टेट हाइवे पर प्रदर्शन

During the ongoing Rabi Season of Agriculture farmers are not getting the Urea
यूरिया संकट से परेशान किसानों ने किया स्टेट हाइवे पर प्रदर्शन
यूरिया संकट से परेशान किसानों ने किया स्टेट हाइवे पर प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, सतना। खेती के चालू रबी सीजन के दौरान जिले में यूरिया के घोर संकट से किसानों में आक्रोश है। सुबह उचेहरा में मार्फेड के डबल लॉक में पैसे देने के बाद भी खाद नहीं मिलने से नाराज किसानों ने सतना  मैहर स्टेट हाइवे में बाउली चौक पर जाम लगा दिया। बड़ी तादाद में किसान सड़क पर लेट गए। किसानों ने यूरिया की कालाबाजारी और वितरण में मनमानी तथा मुंहदेखी के आरोप भी लगाए।

जिला जज के हस्तक्षेप के बाद बंटा फर्टिलाइजर
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आफीशियल प्रवास पर मैहर गए जिला एवं सत्र न्यायाधीश धीमन नारायण शुक्ला भी वापिसी में इसी जाम में फंस गए। उन्होंने किसानों को समझाइश दी और तत्काल जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारियों से भी बात की। अंतत: यूरिया की एक खेप उचेहरा भेजी गई और तब कहीं जाकर वितरण शुरु हो पाया।

काबू में नहीं कालाबाजारी 
खेती के चालू रबी सीजन में जहां यूरिया की डिमांड आसमान चूम रही है,वहीं जिले में इसकी कालाबाजारी भी काबू में नहीं है। सूत्रों की मानें तो यूरिया का जिले का कोटा भी पड़ोसी जिलों के बाजार में पहुंच चुका है। यूरिया की जिले में भारी किल्लत की एक बड़ी वजह इसकी ब्लैक मार्केटिंग भी मानी जा रही है?

2 माह से क्यों बंद है एमपी एग्रो का कैश काउंटर
इन्हीं जानकारों का दावा है कि जिला मुख्यालय में स्थित एमपी एग्रो के कैश काउंटर का 2 माह से बंद होना भी इस बात का प्रमाण है कि यूरिया की डंके की चोट पर कालाबाजारी चल रही है। नकद राशि देकर किसान अपनी जरुरत के हिसाब से एमपी एग्रो से यूरिया ले सकते हैं। नियमों के तहत  जिले में यूरिया के कुल लक्ष्य का 20 फीसदी आवंटन हर हाल में एमपी एग्रो का मिलना चाहिए लेकिन 2 माह से तालाबंदी के मद्देनजर बड़ा सवाल ये है कि एमपी एग्रो के कोटे की यूरिया आखिर गई कहां? क्या इसकी कालाबाजारी हो गई?  

मगर, एफआईआर तक नहीं
जिले में यूरिया की ब्लैक मार्केटिंग किस हद तक चल रही है,अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हाल ही में एक शिकायत पर जब ऐरा गांव में अमरपाटन के एसडीएम आशीष सांगवान ने दबिश दी तो 59 बोरी अवैध यूरिया पकड़ में आ गई। एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार के नेतृत्व में 4 सदस्यीय टीम ने जांच के बाद प्रतिवेदन कृषि विभाग को भी भेजा मगर अभी तक आरोपी विक्रेता के विरुद्ध एफआईआर तक नहीं दर्ज कराई जा सकी है।   

 

Created On :   9 Jan 2019 1:43 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story