बाघिन अवनि प्रकरण की जांच करने गठित हो एसआईटी, अर्थ ब्रिगेड फाउंडेशन ने दायर की याचिका 

Earth Brigade Foundation filed petition to investigate the tigress Avni case
बाघिन अवनि प्रकरण की जांच करने गठित हो एसआईटी, अर्थ ब्रिगेड फाउंडेशन ने दायर की याचिका 
बाघिन अवनि प्रकरण की जांच करने गठित हो एसआईटी, अर्थ ब्रिगेड फाउंडेशन ने दायर की याचिका 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यवतमाल के पांढरकवड़ा की बाघिन टी-1 (अवनि) को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाली स्वयंसेवी संस्था एक बार फिर कोर्ट पहुंच गई है। अर्थ ब्रिगेड फाउंडेशन ने अवनि हत्या के मामले की जांच के लिए स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) के गठन की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में क्रिमिनल पीटिशन दायर किया है। याचिका पर आगामी एक जनवरी को सुनवाई हाेगी।

चलाया जाए आपराधिक मामला
संस्था ने राज्य सरकार व नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी से अवनि पर गोली चलाने वाले शूटर शफत अली और उसके बेटे असगर अली के खिलाफ अवैध शिकार, सबूतों से छेड़छाड़, वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कर्तव्य में चूक, नारकोटिक्स एंड साइकोट्रापिक सब्सटेंस एक्ट के उल्लंघन के लिए आपराधिक मामला चलाने की भी मांग की है। दोनों शूटरों द्वारा हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए हथियारों को जांच एजेंसियों को सौंपने की मांग करते हुए अवनि के नर शावक को यथाशीघ्र ढूढ़ने के लिए बेहतरीन टीम नियुक्त करने और उसे सुरक्षित स्थान पर भेजे जाने की भी मांग भी याचिकाकर्ता की ओर से की गई है।

याचिका में कहा गया है कि दो नवंबर को बाघिन अवनि पर गोली मारने के समय अदालत के निर्देशों का भी उल्लंघन किया गया था। कोर्ट से स्पष्ट आदेश था कि बाघिन को मारने से पहले उसके शावकों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जाए। अब मामले के छह सप्ताह गुजर जाने के बावजूद वन विभाग अवनि के एक शावक के रेस्क्यू अभियान में सफल नहीं हुआ है। कोर्ट ने अभियान के लिए कार्रवाई की स्पष्ट कालक्रम दिया था। उसके अनुसार सबसे पहले शावकों को पकड़कर रेस्क्यू करना, बाघिन को पकड़ना या मारना था।

डीसीएफ पर आरोप 
याचिकाकर्ता के अनुसार अवनि को मारने के दौरान अली पिता-पुत्राें के साथ-साथ यवतमाल के डिप्टी कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट  मुखबीर शेख ने भी वाइल्ड लाइफ एक्ट के प्रावधान, नारकोटिक्स एंड साइकोट्रापिक सब्सटेंस एक्ट और इंडियन वेटेनरी काउंसिल एक्ट का उल्लंघन किया है। शूटरों ने मामले में  उल्लेखित एक्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट, बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर बेंच और एनटीसीए की ओर से दिए गए स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर का पालन नहीं किया। याचिकाकर्ता ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के रवैये पर भी सवाल उठाते हुए अवनि पर गोली चलवाने में जल्दी करने का आरोप लगाया है।
 

Created On :   27 Dec 2018 4:03 PM IST

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