जब तक चाय के ठेले और पान की दुकान हैं, तब तक अखबार जरूर रहेंगे : प्रकाश दुबे

editor prakash dubey umashankar gupta in Bhuvan Bhushan Devi Memorial Lecture-Mala
जब तक चाय के ठेले और पान की दुकान हैं, तब तक अखबार जरूर रहेंगे : प्रकाश दुबे
जब तक चाय के ठेले और पान की दुकान हैं, तब तक अखबार जरूर रहेंगे : प्रकाश दुबे

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सभी क्षेत्रों में मर्यादाएं टूट रही हैं। विचार की भी और बाजार की भी। इसके बाद भी कोई भी बाजार विचारों को सिर्फ प्रभावित कर सकता है, दबा नहीं सकता। उक्त बातें राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने माधव राव सप्रे स्मृति समाचार-पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान में भुवन भूषण देवलिया स्मृति व्याख्यान-माला में कही। कार्यक्रम में दैनिक भास्कर, नागपुर के समूह सम्पादक प्रकाश दुबे भी मुख्य रूप से उपस्थित हुए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में विचार और बाजार के बीच सामंजस्य कायम करने की जरूरत है। यह विषय चिंतन का है, चिंता का नहीं। उन्होंने कहा कि विश्वससनीयता का संकट चहुंओर है, उसमें पत्रकारिता भी अछूती नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्वसनीयता बनाए रखना जरूरी है।

दैनिक भास्कर, नागपुर के समूह सम्पादक प्रकाश दुबे ने कहा कि श्री देवलिया ऐसे गुरु थे, जो सभी विद्यार्थियों को बेहतर प्रशिक्षण देते थे, लेकिन किसी एकलव्य का अंगूठा नहीं मांगते थे। उन्होंने मीडिया पर बाजार की निर्भरता और उसके प्रभावों के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जब तक चाय के ठेले और पान की दुकान है तब तक अखबार जरूर रहेंगे। उन्होंने विभिन्न आँकड़ों द्वारा प्रिंट मीडिया के महत्व को रेखांकित किया।

पत्रकार अनिल पटेरिया का सम्मान
इस दौरान उमाशंकर गुप्ता ने दैनिक भास्कर ग्वालियर के पत्रकार अनिल पटेरिया को भुवन भूषण देवलिया स्मृति सम्मान से सम्मानित किया। सम्मान के रूप में 11 हजार रुपये, प्रशस्ति-पत्र और शॉल-श्रीफल भेंट किया गया। उन्होंने स्मरिका का भी विमोचन किया।

हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने कहा कि टीआरपी को बाजार ने टूल की तरह इस्तेमाल किया है। वर्तमान में बाजार ही मीडिया की नीति तय करता है। सत्ता और धन्ना सेठ मिलकर मीडिया की भूमिका निर्धारित करते हैं। उन्होंने पोस्ट-ट्रुथ, पोस्ट-डेमोक्रेसी और पोस्ट-इन्वायरमेंट के बारे में भी बताया। वरिष्ठ पत्रकार विजयदत्त श्रीधर ने कहा कि हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा। उन्होंने कहा कि पत्रकार को खुद तय करना है कि वह विचार को चुनता है या बाजार को।

पत्रकार शिव अनुराग पटेरिया ने स्वागत भाषण दिया। उप संचालक जनसम्पर्क अशोक मनवानी ने आभार व्यक्त किया। गौरतलब है कि श्री देवलिया डॉ. सर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के पत्रकारिता और जन-संचार विभाग में विभागाध्यक्ष रहे। उनके पढ़ाए गए छात्र आज विभिन्न संस्थानों में उत्कृष्ट पत्रकारिता कर रहे हैं।

Created On :   4 March 2018 7:26 PM IST

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