रिश्वत मांगने के आरोपी सहसंचालक के खिलाफ शिक्षामंत्री ने बिठाई जांच

Education minister set up inquiry against co-director accused of seeking bribe
रिश्वत मांगने के आरोपी सहसंचालक के खिलाफ शिक्षामंत्री ने बिठाई जांच
रिश्वत मांगने के आरोपी सहसंचालक के खिलाफ शिक्षामंत्री ने बिठाई जांच

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने नागपुर विभाग के उच्च शिक्षा सहसंचालक डॉ. महेश कुमार सालुंखे के खिलाफ जांच बैठा दी है।  जनता दरबार में प्राध्यापकों व संगठनों की शिकायत के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है। पत्रकारों से उन्होंने कहा कि सहसंचालक के खिलाफ जो भी आरोप हैं, उनकी जांच किसी दूसरे विभाग के प्रधान सचिव या इसी स्तर के अधिकारी से कराई जाएगी। इसके लिए वह राज्य सरकार से विशेष अनुमति लेंगे। जांच अधिकारी को 15 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

परिषद ने लगाए गंभीर आरोप
फुले-शाहू आंबेडकर अध्यापक परिषद ने सहसंचालक पर यह आरोप लगाए हैं। भास्कर ने इस विषय को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। शिकायत के अनुसार  प्राध्यापक के रूप मंे 5 वर्ष पूर्ण करने पर कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के अनुसार शिक्षकों को प्रमोशन मिलता है। इसके लिए सहसंचालक के पास प्रस्ताव भेजा जाता है। जहां पर शिक्षकों से रिश्वत की मांग की जाती है। प्रमोशन के प्रस्ताव में अनेक त्रुटियां निकाल कर मांग पूरी ना करने वाले शिक्षकों की फाइल लटकाई जाती है। 

जनता दरबार में इस प्रकार की शिकायतें आने के बाद शिक्षा मंत्री ने यह फैसला लिया है। प्रस्ताव भेजे जाने के बाद पहला प्रमोशन होता है। इसके बाद प्राध्यापक एम.फिल हो तो 4 वर्षों में, न हो तो 5 वर्षों में प्रमोशन होता है। प्रमोशन के इस फैसले के लिए विषय निहाय विशेषज्ञ समिति गठित की जाती है। कुछ ही दिनों पूर्व जारी हुए परिपत्रक के अनुसार इस समिति में सहसंचालक का प्रतिनिधि होना आवश्यक होता है। इसी का लाभ उठा कर सहसंचालक प्राध्यापकों से रिश्वत की मांग करते है, ऐसा संगठन का आरोप है। दावा किया जा रहा है कि पहले प्रमोशन के लिए 20 हजार, दूसरे व तीसरे के लिए 30 हजार और प्रोफेसर पद के लिए 50 हजार रुपए तक की मांग की जाती है।

Created On :   6 Feb 2021 3:53 PM IST

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