नक्सल प्रभावित क्षेत्र में इस कपल ने छेड़ा मिशन, दुर्गम क्षेत्रों में जाकर 20 साल से बच्चों को कर रहे शिक्षित

education mission in Naxal affected areas by wankhede couple
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में इस कपल ने छेड़ा मिशन, दुर्गम क्षेत्रों में जाकर 20 साल से बच्चों को कर रहे शिक्षित
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में इस कपल ने छेड़ा मिशन, दुर्गम क्षेत्रों में जाकर 20 साल से बच्चों को कर रहे शिक्षित

दीप्ति मुले , नागपुर।  नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाने से भी जहां लोग डरते हैं वहां जाकर बच्चों को शिक्षित करने का कार्य पिछले 20 साल से शहर का एक कपल कर रहा है।  सेमिनरी हिल्स स्थित सेंटर प्वाइंट स्कूल के पास फाॅरेस्ट सोसायटी में रहने वाले डॉ. राजेश्वरी वानखेड़े और प्रा. अनिल वानखेड़े पिछले 20 वर्षों से अनोखे मिशन पर हैं। नक्सली क्षेत्र में जाने से जहां लोग, खासकर सरकारी कर्मी परहेज करते हैं, वे इसी क्षेत्र से दिल लगा बैठे हैं। या यूं कहें कि नक्सली क्षेत्र के उन बच्चों के लिए उनका दिल धड़कता है, जिन्हें ‘मार्गदर्शन’ की अति आवश्यकता होती है। वैसे बच्चों को अपराध से दूर रखने के साथ ही रोजगार देकर उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए वे अथक परिश्रम करते हैं। ऐसे युवाओं के लिए कलमेश्वर में हॉस्टल तैयार किया जा रहा है, जिसका काम लगभग 2-3 माह में पूरा हो जाएगा। कुछ ही महीनों में इस हॉस्टल का शुभारंभ हो जाएगा। 

नक्सली क्षेत्रों में सर्वे  
मिशने के पहले उन्होंने नक्सली क्षेत्रों में जाकर सर्वे किया और पाया कि आठवीं, नौवीं तक पढ़ाई करने के बाद बहुत से बच्चे अपराध की आेर चले जाते हैं। इसलिए कि उन्हें माहौल ही वैसा मिलता है कि वे दूसरा कुछ कर ही नहीं पाते है। ऐसे युवाओं को उन्होंने मल्टीपरपस बनाने की योजना बनाई। एक वर्ष का पाठ्यक्रम तैयार किया है। 

कई राज्यों में शोध किया 
हमने कई वर्षों तक देश के कई राज्यों में शोध किया और समस्याओं की जानकारी ली। फिर सोचा कि क्यों न समाज के लिए कोई अच्छा कार्य किया जाए। इसलिए हमने ऐसे 18 से 20 वर्ष तक के युवाओं के लिए पूरा सिलेबस तैयार किया, जो रोजगार नहीं मिलने के कारण गलत दिशा में चले जाते हैं। 
 

ऐसे संवारेंगे तकदीर : हॉस्टल में युवाओं को कुकिंग, ड्राइविंग के अलावा आधुनिक कदमताल के लिए मेल करने से लेकर स्वस्थ रहने के लिए योग करने की सीख दी जाएगी। 

उनकी पात्रता-18 से 20 वर्ष तक के युवा इसमें शामिल हो सकते हैं। आठवीं पास होना अनिवार्य है। 

इस प्रकार मिलेंगे सब एक-साथ : विचारों के आदान-प्रदान के लिए इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स भी कराया जाएगा। यह कोर्स 1 वर्ष का होगा। 1 वर्ष के कोर्स का एफलिएशन भारत सेवक समाज, चेन्नई से किया गया है।

हमारी व्यवस्था-हॉस्टल में रहने की व्यवस्था होगी। उन्हें विभिन्न प्रशिक्षण नि:शुल्क दिए जाएंगे। 

इनका मार्गदर्शन- युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए क्षेत्र विशेष के परिपक्व लोगों को लिया जा रहा है, ताकि वे बच्चों को सही दिशा दे सकें।

आगे की सोच -पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल रिपोर्ट और पासपोर्ट भी तैयार कराया जाएगा, ताकि भविष्य में अगर कोई विदेश जाना चाहे तो डॉक्यूमेंट्स और रिकार्ड सही रहें। इस प्रयास की सराहना विशेष रुप से नौजवानों को करते देखा जा रहा है।
 

Created On :   2 Aug 2018 6:37 AM GMT

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