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अगले सत्र से 12वीं के छात्रों के लिए शुरु होगा शैक्षणिक चैनल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि अगले शैक्षणिक सत्र से कक्षा पहली से 12 वीं तक के विद्यार्थियों के लिए 12 डीटीएच चैनलों की शुरुआत की जाएगी। राज्य सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि इन चैनलों से न सिर्फ मानसिक रुप से कमजोर विशेषछात्रों को बल्कि आम विद्यार्थियों को भी पढाई में मदद मिलेगी। साथ ही हर स्तर पर शिक्षा के स्तर पर सुधार किया जाएगा। सरकारी वकील पीपी काकडे व रीना सालुंखे ने हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। इस संबंध में दायर हलफनामे में राज्य के स्कूली शिक्षा व खेल विभाग के प्रधान सचिव ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि 12 चैनलों में महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च शिक्षा माध्यामिक शिक्षा मंडल के पाठ्यक्रमों का समावेश होगा और हर स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा जाएगा। हाईकोर्ट में "अनमप्रेम" नामक गैर सरकारी संस्था के सहसंस्थापक अजीत कुलकर्णी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में दावा किया गया है कि ऑनलाइन पढाई शुरु होने के चलते मानसिक रुप से कमजोर व दिव्यांग विद्यार्थियों को पढाई में दिक्कते आ रही है। क्योंकि ग्रामीण इलाकों में विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन पढाई के लिए जरुरी संसाधन नहीं है।
संस्था की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता उदय वारुंजेकर ने कहा कि हर विद्यार्थी के पास स्मार्ट फोन नहीं है। ग्रामीण व राज्य के दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट की कमजोर कनेक्टीविटी के चलते बच्चों को यू ट्यूब व दूसरे ऑनलाइन माध्यमों से पढाई करने में दिक्कते आती है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि जैसे हर क्षेत्र के लिए अलग से चैनल है वैसे ही शिक्षा के लिए अलग से चैनल की शुरुआत करने पर भी विचार होना चाहिए। इसके मद्देनजर सरकारी वकील सालुंखे ने कहा कि सरकार बच्चों की पढाई को लेकर ठोस व सकारात्मक कदम उठा रही है। अगले शैक्षणिक सत्र की शुरुआत जून-जुलाई 2022 से होगी।तब तक सरकार की ओर से चैनलों को शुरु करने की तैयारी चल रही है। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने पाया कि केंद्र सरकार भी इस दिशा में सभी राज्यों के संबंधित लोगों को प्रशिक्षित करने की ओर ठोस कदम बढा रही है। केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता रुर्ई राड्रिग्स ने खंडपीठ के सामने पक्ष रखा। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने व राज्य सरकार की ओर से मिले आश्वासन पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि चूंकि कुछ महीनों के बाद अगले शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होनेवाली है। इस मामले में सही दिशा में कदम बढाए जा रहे हैं। इसलिए हम फिलहाल इस मामले की निगरानी रखना चाहते हैं। इस तरह खंडपीठ ने 25 अप्रैल 2022 को इस याचिका पर सुनवाई रखी है।
Created On :   23 March 2022 8:08 PM IST