जनसुनवाई की 500 शिकायतें पेंडिंग, राजस्व के मामले ज्यादा प्रभावित

election code of conduct is over, although the public hearing has started
जनसुनवाई की 500 शिकायतें पेंडिंग, राजस्व के मामले ज्यादा प्रभावित
जनसुनवाई की 500 शिकायतें पेंडिंग, राजस्व के मामले ज्यादा प्रभावित

डिजिटल डेस्क, शहडोल। चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद हालांकि जनसुनवाई मंगलवार से शुरु हो चुकी है, लेकिन प्रशासन के सामने लंबित शिकातयों के निराकरण की चुनौती है। जानकारी के अनुसार जनसुवाई से संबंधित 500 से अधिक शिकायतें लंबित हैं। जबकि सीएम हेल्पलाइन की 5 हजार से अधिक शिकायतों को निराकरण का इंतजार है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण पिछले दो माह से सरकारी दफ्तरों में जनता से जुड़ा कोई काम नहीं हो पा रहा था। लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए बनाई गई सभी व्यवस्थाएं ठप रहीं। आचार संहिता की आड़ में पुरानी शिकायतें भी फाइलों में कैद रहीं। सबसे ज्यादा असर राजस्व से जुड़े कामों पर पड़ा, नामांतरण, बंटान से लेकर सीमांकन तक के कई आवेदन महीनों से अटके हुए हैं। सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें तो दर्ज हुईं लेकिन निराकरण का काम ठप रहा। सीएम हेल्पलाइन में विभिन्न विभागों की 5461 शिकायतें लंबित हैं। इसमें भी सबसे अधिक 857 शिकायतें पंचायती राज और 795 शिकायतें राजस्व विभाग की हैं।

हर सप्ताह आती हैं इतनी शिकायतें
हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में लगभग 40 से 50 शिकायतें प्रति सप्ताह आती थीं। पिछली लगभग एक हजार शिकायतें भी जिला प्रशासन के पास लंबित हैं, जिनका निराकरण अब तक नहीं हो पाया है। जिले में निर्माण और विकास से जुड़े लगभग एक दर्जन कामों के टेंडर अटके हुए हैं। वहीं कुछ काम ऐसे हैं जिनके टेंडर फाइनल हो गए, लेकिन वर्क ऑर्डर जारी नहीं हो सके।

सीएम हेल्पलाइन का भी यही हाल
सीएम हेल्पलाइन में जिले की 5461 शिकायतें वर्तमान में लंबित हैं। इनमें नामांतरण, बंटान और सीमांकन के कई केस लंबित हैं, जिनकी कार्रवाई जहां थी, वहीं थमी हुई है। नए प्रकरणों को दर्ज ही नहीं किया जा रहा है। सीएम हेल्पलाइन में पंचायती राज के 857, राजस्व विभाग 795, ऊर्जा विभाग 619, मनरेगा 519, पीएम आवास    443, संस्थागत वित्त 201, वन विभाग, 133, प्राकृतिक प्रकोप राहत 142, स्वच्छ भारत मिशन 150, स्थानीय निकाय123, सामाजिक न्याय की 121 शिकायतें लंबित होने की जानकारी है।

जारी हुआ  नोटिस
सीएम हेल्पलाइन में लगातार बढ़ती शिकायतों को संभागायुक्त जेके जैन से गंभीरता से लेते हुए तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी  निराकरण नहीं होने की शिकायतें मिलीं थी। सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें चार-चार महीने से लंबित पड़ी हुई हैं। नामांतरण, बंटान और सीमांकन संबंधी कई शिकायतें लंबित हैं, जिनकी कार्रवाई जहां थी, वहीं थमी हुई है। कुछ शिकायतें तो आचार संहिता के पहले की हैं, जिनका निराकरण नहीं किया गया। सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का संतुष्टिकारक निराकरण करना होता है। इसके लिए जरूरत पडऩे पर आवेदन से फोन पर बात भी की जाती है। जब तक आवेदक निराकरण से संतुष्ट नहीं होगा शिकायत को बंद नहीं किया जाएगा। कुछ शिकायतें जो नियमों के विरुद्ध होती हैं, उनको फोर्स क्लोज किया जा सकता है, लेकिन एल-1 और एल-2 अधिकारियों को उस नियम का उल्लेख करना होता है, जिसके तहत शिकायत का निराकरण नहीं किया जा सकता है। इसके बाद संबंधित आवेदक को इसकी जानकारी देनी होती है। फिर शिकायत को फोर्स क्लोज किया जाता है। 

इनका कहना है
जनसुनवाई शुरु हो चुकी है। लंबित मामलों के अलावा ताजा शिकायतों का निराकरण प्राथमिकता से कराया जाएगा।  -अशोक ओहरी, एडीएम शहडोल

 

Created On :   20 Dec 2018 7:56 AM GMT

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