दक्षिण पश्चिम से विधान सभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी आशीष देशमुख, आम आदमी पार्टी प्रत्याशी अमोल हाडके, निर्दलीय प्रशांत पवार व अरुण निटोरे शनिवार दोपहर को चुनाव निर्णय अधिकारी (आरओ) शेखर घाडगे से मिले और सीएम के नामांकन पर आपत्ति जताई। प्रत्याशियों ने लिखित में निवेदन देकर आरोप लगाया कि सीएम ने नामांकन में रामगिरि बंगला, विधायक निवास के कमरों (मुंबई व नागपुर के) की जानकारी नहीं दी और इन जगहों का नो ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं लगाया। इसके अलावा प्रतिज्ञापत्र में ऊपर 3 अक्टूबर 2019 व नोटरी की मुहर में 28 दिसंबर 2018 होने पर आपत्ति जताई। आपत्तियों को ध्यान में रखकर आरओ ने तुरंत सीएम के नामांकन संबंधी सभी दस्तावेज सील बंद लिफाफे में जमा किए और उस पर कांग्रेस प्रत्याशी आशीष देशमुख, आप के अमोल हाडके व प्रशांत पवार के हस्ताक्षर लेकर शाम 4 बजे सुनवाई मुकर्रर की।
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सियासी ड्रामा: सीएम फडणवीस के नामांकन पर दोपहर को आपत्ति, शाम को हुई खारिज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में शनिवार सुबह दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी चुनाव निर्णय अधिकारी (आरओ) शेखर घाडगे के कार्यालय पहुंचे और सीएम के नामांकन पर आपत्ति जताते हुए इसे खारिज करने की मांग करने लगे। सीएम फडणवीस पर प्रतिज्ञापत्र में अधूरी जानकारी देने के अलावा नोटरी (मुहर) व स्टैंप में लिखी तिथि में अंतर होने का आरोप लगाया। आरओ ने इन आपत्तियों को ध्यान में रखकर तुरंत सीएम के नामांकन समेत सभी दस्तावेज सील बंद लिफाफे में जमा किए और इस पर शाम 4 बजे सुनवाई रखी। पौने दो घंटे की सुनवाई के बाद आरओ शेखर घाडगे ने आपत्तियों को खारिज करते हुए सीएम फडणवीस के नामांकन को क्लीन चीट दी।


शाम 4 बजे तक पक्ष व विपक्ष वकीलों के साथ वहां पहुंचे। विपक्षी प्रत्याशियों के सैकडों कार्यकर्ता भी परिसर में थे। सीएम की तरफ से पार्षद संदीप जोशी वकीलों के साथ उपस्थित हुए तो इधर एड. सतीश उके अपने साथी वकीलों के साथ पहुंचे। तब तक इस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे अन्य प्रत्याशी भी समर्थकों के साथ पहुंचे। प्रत्याशी, उनके समर्थक व वकीलों समेत 40 से ज्यादा लोग आरओ के कक्ष में दाखिल हुए। पौने दो घंटे तक चली सुनवाई के बाद आरओ ने आपत्तियों को खारिज कर दिया। सीएम को क्लिन चीट मिलते ही एड. रितेश कालरा अपने साथी वकीलों के साथ बाहर आए और सीएम के पक्ष में निर्णय होने की जानकारी मीडिया को दी। कांग्रेस के आशीष देशमुख, डा. नितीन राऊत, प्रशांत पवार ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए नारेबाजी की। तीनों नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार के दबाव में फैसला दिया गया। यह लोकतंत्र की हत्या है। शासन-प्रशासन का निषेध करते हुए नारेबाजी की। आप के अमोल हाडके भी अपने समर्थकों के साथ शासन-प्रशासन का निषेध करते हुए सीएम का नामांकन रद्द करने की मांग करने लगे। सभी ने प्रशासन के इस फैसले को कोर्ट में चैलेंज करने की जानकारी दी।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।