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अवैध होर्डिंग पर चुनाव आयोग नहीं रख सकता नजर, करना पड़ेगा कानून में संशोधन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अवैध होर्डिंग के मुद्दे पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने बांबे हाईकोर्ट में अपने हाथ खड़े कर लिए हैं। आयोग की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि होर्डिंग पर निगरानी रख पाना आयोग के बस की बात नहीं है। इसके लिए कानून में संसोधन करके कड़ा प्रावधान किए जाने की आवश्यक्ता है। आयोग ने कोर्ट में स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के अब तक के इतिहास में कोई वाकया ऐसा नहीं घटित हुआ है कि अवैध होर्डिंग के चलते किसी राजनीतिक दल का पंजीयन रद्द किया गया हो। डिफेसमेंट कानून में ऐसा कोई कड़ा प्रावधान नहीं है, जिसके तहत अवैध होर्डिंग लगाने पर उसके पंजीयन को रद्द किया जा सके। आयोग देशभर में लगनेवाली होर्डिंग पर नजर नहीं रख सकता है, इसलिए इस विषय पर कानून में जरुरी बदलाव हो और सरकार को इस कानून को कडाई से लागू करने का जिम्मा दिया जाए।
हाईकोर्ट में अवैध होर्डिंग को लेकर सुस्वराज फाउंडेशन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को अपनी भूमिका स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। जिसके तहत केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने शुक्रवार को उपरोक्त बात कही। इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील उदय वारुंजकर ने कहा कि कई महानगरपालिकाओं के जवाब मुझे एक साथ मिले हैं। जिसका अध्ययन करने के लिए वक्त दिया जाए। उन्होंने कहा कि कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका में बड़ी संख्या में अवैध होर्डिंग देखने को मिली है लेकिन किसी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया है। जबकि शिर्डी नगरपरिषद के वकील ने कहा कि हमारी अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई जारी है। हाईकोर्ट ने फिलहाल मामले की सुनवाई एक सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   14 Sep 2018 3:59 PM GMT