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हिंगना पंस के प्रतिनिधित्व पर निर्वाचन आयोग के स्पष्टीकरण से उभरा पेंच

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संवैधानिक पेंचोखम कभी-कभी विचित्र स्थिति उत्पन्न कर देता है। विधान परिषद चुनाव की तैयारी जोरों पर है। उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही रणनीति बनने लगी है। इस चुनाव में मतदान का अधिकार जिला परिषद सदस्य, मनपा, नपा, नगर पंचायत सदस्य और पंचायत समिति के सभापति को है, मगर हिंगना पंचायत समिति में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दरअसल, वहां भी पंचायत समिति सभापति का चुनाव होना है, और उसकी पहले से तिथि 26 नवंबर निर्धारित है। इस कारण वहां के उपसभापति के पास ही सभापति का प्रभार है, इसलिए विधान परिषद चुनाव के लिए मतदान सूची में उन्हीं का नाम है। यह नाम 26 नवंबर के बाद बदल सकता है, और इधर विधान परिषद के लिए मतदान सूची फाइनल हो चुकी है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, ऐसी स्थिति में यहां के सभापति का मतदान निरस्त हो सकता है और ऐसा हुआ तो विधान परिषद चुनाव में महाविकास आघाड़ी को एक वोट की चोट लग सकती है, क्योंकि हिंगना पंचायत समिति में महाविकास आघाड़ी का घटक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस को बहुमत है।
सदस्यता रद्द होने से रिक्त हुआ सभापति पद : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ओबीसी आरक्षित सीट पर निर्वाचित जिला परिषद के 16 और पंचायत समिति के 31 सदस्यों की सदस्यता रद्द की गई थी। उसी में हिंगना पंचायत समिति सभापति की सदस्यता रद्द होने से पद रिक्त हुआ। सभापति पद रिक्त होने पर उपसभापति के हाथ सभापति की कमान आ गई। पंचायत समिति सभापति के आरक्षण में फिर से सभापति पद ओबीसी के लिए आरक्षित किया गया। 8 नवंबर को सभापति चुनाव लिया गया। कांग्रेस की रुपाली खाड़े और भाजपा की ओर से संजय डोडरे ने नामांकन भरा। दोनों उम्मीदवारों के पास जाति वैधता प्रमाणपत्र नहीं रहने से चुनाव स्थगित किया गया। नए सिरे से 26 नवंबर को सभापति चुनाव की घोषणा की गई है।
अब ऐसे उभरा पेंच : विधान परिषद चुनाव की अंतिम मतदाता सूची 23 नवंबर को जारी की गई। सभापति की जिम्मेदारी रहने से उपसभापति का नाम मतदाता सूची में शामिल किया गया। नियम के अनुसार सभापति को मतदान का अधिकार है। उपसभापति के पास प्रभार रहने पर उसे मतदान का अधिकार रहेगा या नहीं। इस विषय पर जिलाधिकारी तथा निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन आयोग से राय मांगी। 24 नवंबर को निर्वाचन आयोग से मिले पत्र में सभापति पद धारण करने पर ही मतदान का अधिकार रहेगा, इस आशय का स्पष्टीकरण दिया गया है। 10 दिसंबर को विधान परिषद चुनाव के लिए मतदान होगा। उससे पहले 26 नवंबर को सभापति चुनाव होने जा रहा है। अंतिम मतदाता सूची जारी हो जाने से नवनिर्वाचित सभापति का नाम दर्ज नहीं होगा। उपसभापति का नाम भले ही मतदाता सूची में है, लेकिन मतदान की तारीख पर सभापति का पदभार नहीं रहने से मतदान नहीं कर पाने का निर्वाचन आयोग ने स्पष्टीकरण दिया है। हिंगना पंचायत समिति में महाविकास आघाड़ी का घटक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस को बहुमत है। निर्वाचन आयोग के स्पष्टीकरण से महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार को एक वोट की चोट लगना तय माना जा रहा है।
Created On :   25 Nov 2021 12:06 PM IST