बारूदी धमाकों में दरक गई घरों की दीवारें, कुआं तालाबों में नहीं ठहरता पानी

Electricity, water and road problems in villages of anuppur
बारूदी धमाकों में दरक गई घरों की दीवारें, कुआं तालाबों में नहीं ठहरता पानी
बारूदी धमाकों में दरक गई घरों की दीवारें, कुआं तालाबों में नहीं ठहरता पानी

डिजिटल डेस्क अनूपपुर । जनपद जैतहरी अंतर्गत ग्राम पंचायत देवहरा के ग्रामीण इन दिनों मूलभूत सुविधाओं के लिए  परेशान हैं। बिजली, पानी और सड़क की समस्या को दूर करने की मांग के साथ ही इन ग्रामीणों की एक और भी समस्या है और वह मुसीबत है कालरी प्रबंधन द्वारा किए जाने वाले बारूदी धमाकों के कारण घरों में  पडऩे वाली दरारें।  देवहरा से सटे ई-सेक्टर खुली खदान में कोयला उत्पादन के लिए विस्फोटक पदार्थो का प्रयोग किया जाता रहा है। नियमों के विपरीत शाम के पश्चात भी किए जाने वाले धमाको से ग्रामीण दहशतजदा रहते है। वहीं बदहाल हो चली सड़क के निर्माण के लिए वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 3 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कराए जाने की घोषणा की थी किंतु घोषणा के परिपालन में सिर्फ निविदा का प्रकाशन और विधायक द्वारा भूमि पूजन  किया गया। आज भी धूल के गुबार और गड्ढों के कारण ग्रामीणों का आवागमन दुष्कर हो चला है।
दरक गई घरों की दीवारें
देवहरा में निवास करने वाले अधिकांश ग्रामीण एसईसीएल की ही विभिन्न खदानो में कार्यरत है। भूमि अधिग्रहण के पश्चात मिली नौकरी के कारण ये ग्रामीण भी प्रबंधन के विरूद्ध शिकायत नहीं कर पाते हैं। वही दूसरी तरफ गांव के ही डॉ. राज तिवारी, राम कृष्ण पांडेय, लकी सिंह, मुकेश साहू, राजेन्द्र तिवारी समेत दो दर्जन लोगो के घर ऐसे है जिनमें बड़ी-बड़ी दरारे पड़ गई है। यही हाल खपरैल घरो का भी है ग्रामीणो ने दर्जनो बार शिकायते की किन्तु कॉलरी प्रबंधन हर बार मुआवजे की बात कहकर शिकायत को अनदेखी कर देता है।
यह है नियम
खुली खदान तथा भूमिगत खदानो के लिए पॉवर सेक्टर तथा डेटोनेटर सेक्टर की जरिए विस्फोट किया जाता है। विस्फोट के पश्चात होने वाले कंपन को सिस्को मीटर और बायब्रेशन मीटर में पीपीव्ही के जरिए नापा जाता है। भौगोलिक स्थिति के कारण पीपीव्ही की इकाई अलग-अलग होती है किन्तु देवहरा के आसपास कॉलरी प्रबंधन जिस तरह से बारूदी धमाके करा रहा है इसमें वह अपने ही नियमों की अनदेखी करने में जुटा हुआ है।
जल स्त्रोंतो पर संकट
बारूदी धामको के कारण न सिर्फ घरो में दरारे पड़ी है बल्कि प्राकृतिक जल स्त्रोतो पर भी विपरीत असर पड़ा है।  बारिश के बावजूद कुओं और तालाबों में पानी का संग्रहण नहीं हो पाता है।  वहीं देवहरा तालाब को भरने के लिए कालरी प्रबंधन द्वारा पाइप लाइन का विस्तार कर तालाब भरने की व्यवस्था गई थी किंतु अब इस व्यवस्था को भी बंद कर दिया गया है। जैसे-जैसे तापमान में वृद्धि हो रही है भू-जल स्तर गिरता जा रहा है।   

Created On :   16 Feb 2018 1:51 PM IST

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