चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारियों के नए-नए बहाने 

Employees new excuses to avoid lok sabha election duty
चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारियों के नए-नए बहाने 
चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारियों के नए-नए बहाने 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। चुनाव के दौरान ड्यूटी से बचने अक्सर कर्मचारी खुद को बचाते रहते हैं। इस बार भी ऐसा ही कुछ नजर आ रहा है।  11 अप्रैल को नागपुर और रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान होना है। चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से पूर्ण करने के लिए करीब 39 हजार कर्मचारियों की आवश्यकता बताई गई है। इसके लिए शिक्षक सहित विविध विभागों के कर्मचारियों को जिला चुनाव प्रशासन द्वारा पत्र भेजकर चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है।

अब कर्मचारियों को चुनाव कार्य का प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे बचने के लिए कर्मचारी ‌अब नए-नए बहाने अपना रहे हैं। कोई हार्ट की समस्या लेकर आ रहा है तो कोई हाई बीपी की। महिलाओं में कोई अपना बच्चा छोटा होने का हवाला दे रही है, तो कोई गर्भवती होने का कारण। ऐसे भिन्न-भिन्न कारणों को लेकर चुनाव ड्यूटी रद्द कराने इन दिनों जिलाधिकारी कार्यालय में लंबी कतारे लगी हैं। कोई डॉक्टर का सर्टिफिकेट जोड़ रहा है, तो कोई बड़े अधिकारी का। रोजाना करीब 100-150 आवेदन चुनाव विभाग में जमा हो रहे हैं। चुनाव विभाग ज्यादातर के आवेदन खारिज कर रहा है, लेकिन जिनकी समस्या वाकई सही है, उन्हें इससे छूट दी जा रही है। 

ऐसी है व्यवस्था 
11 अप्रैल को नागपुर जिले की दोनों सीटों के लिए मतदान होगा। नागपुर लोकसभा के लिए 2037 मतदान केंद्र, जबकि रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 2345 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

4382 मतदान केन्द्रों में होगी वोटिंग

कुल 4382 मतदान केंद्रों पर वोटिंग होगी। प्रत्येक मतदान केंद्र पर 5 अधिकारी-कर्मचारियों की एक टीम होगी। इसके लिए रोजाना के कार्यालयीन कामकाज अलग से निपटाने भी हजारों कर्मचारियों की आवश्यकता है। ऐसे में लगभग 39 हजार कर्मचारियों की चुनाव प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए आवश्यकता जताई गई है। इसमें से 10 प्रतिशत कर्मचारियों को आरक्षित (रिजर्व) कैटेगरी में रखा जाएगा। जरूरत पड़ने पर या कर्मचारी कम पड़ने पर इनका इस्तेमाल किया जाएगा।

फिलहाल इसके लिए सभी विभागों के कर्मचारियों की मदद ली जा रही है। सभी विभागों को यह आदेश जारी कर उनके कामकाज के लिए आवश्यक कर्मचारियों को छोड़कर अन्य कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी के लिए भेजने का आदेश दिया गया है। आदेश नहीं मानने पर राष्ट्रीय कर्तव्य में बाधा और अनुशासनहीनता के आरोपों के साथ उन पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है। ऐसे में अब आदेश मिलने पर लोग भागते-भागते चुनाव विभाग में पहुंच रहे हैं। ज्यादातर चुनाव ड्यूटी रद्द करने के प्रयास में आ रहे हैं। इसके लिए लंबी कतारें लग रही हैं। चुनाव काम से ज्यादा चुनाव ड्यूटी रद्द कराने से संबंधित आवेदनों को लेने में ही समय जा रहा है। कार्यालय में दिन भर ऐसे लोगों की भीड़ से काम भी प्रभावित हो रहा है। फिलहाल प्रक्रिया और नियमानुसार आवेदनों पर निर्णय लिया जा रहा है। 

नियमानुसार निर्णय  
चुनाव ड्यूटी रद्द करने के लिए आवेदन आ रहे हैं। अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं।  नियमानुसार निर्णय किया जाएगा। 
-अविनाश कातडे, उपविभागीय अधिकारी व निर्वाचन अधिकारी

Created On :   16 March 2019 1:58 PM IST

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