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इंजीनियरिंग से मोह भंग, सिमटने लगी विद्यार्थियों की संख्या, कई कालेजों के शटर डाउन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बुरे दौर से गुजर रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों के लगातार शटर डाउन हो रहे हैं। दिनों-दिन सिमटती विद्यार्थी संख्या और आर्थिक परेशानियों के चलते एक बार फिर से कई बड़ी शिक्षा संस्थानों ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी को पाठ्यक्रम या फिर पूरा कॉलेज ही बंद करने का प्रस्ताव भेजा है। जानकारी के मुताबिक आगामी शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए नागपुर यूनिवर्सिटी को तीन कॉलेजों ने पूरी तरह बंदी का प्रस्ताव भेजा है।
इसमें डॉ. बाबासाहब आंबेडकर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड रिसर्च, वानाडोंगरी, दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च सावंगी-मेघे, जिला वर्धा और मनोहरभाई पटेल कॉलेज ऑफ एजुकेशन भंडारा का समावेश है। इसके अलावा कई नामी शिक्षा संस्थानों ने अपने इंजीनियरिंग कॉलेजों में संचालित कई बड़े पाठ्यक्रम बंद करने का प्रस्ताव यूनिवर्सिटी को भेजा है।
रायसोनी से ये पाठ्यक्रम बंद
शहर के जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने यहां संचालित एमटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, हिट पॉवर इंजीनियरिंग, पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड ड्राइव, एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग, बीई डायरेक्ट सेकंड ईयर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलिकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, फर्स्ट शिफ्ट मैकेनिकल इंजीनियरिंग, फस्ट शिफ्ट कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, सेकंड शिफ्ट मैकेनिकल इंजीनियरिंग को बंद करने का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह कॉलेज ने एमटेक कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की प्रवेश क्षमता 36 से घटा कर 18 और बीई इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की प्रवेश क्षेमता 180 से घटा का 60 करने के लिए प्रस्ताव भेजा है।
ये भी लाइन में लगे
दत्ता मेघे शिक्षा संस्था के तहत आने वाले यशवंत राव चौहान इंजीनियरिंग कॉलेज वानाडोंगरी से एमटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और राजीव गांधी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड रिसर्च वानाडोंगरी से एमटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, बीई में इलेक्ट्रिकल, सिविल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम बंद करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा केडीके कॉलेज नंदनवन से बीई इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और बीई इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की सीटें 120 से घटा कर 90 करने का प्रस्ताव भेजा गया है। भंडारा के शहापुर के मनोहरभाई पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ने बीई सिविल इंजीनियरिंग की सीटें 54 से घटा कर 30 और बीई मैकेनिकल इंजीनियरिंग की सीटें 54 से घटा कर 30 करने का प्रस्ताव नागपुर विवि को प्रस्तुत किया है।
कुछ वर्षों से जारी है संकट
बीते कुछ वर्षों से बुरे दिन देख रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थिति खराब हो चली है। बड़े पैमानें पर खाली सीटें और लंबित छात्रवृत्ति की मार झेल रहे कॉलेजों ने अब अपने पाठ्यक्रम बंद करने शुरू कर दिए हैं। बता दें कि शैक्षणिक सत्र 2018-19 में नागपुर विभाग में इंजीनियरिंग की 23 हजार 498 सीटों पर करीब 8 हजार 200 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए थे। करीब 15 हजार सीटें खाली थी। वर्ष 2017-18 के शैक्षणिक सत्र में नागपुर की कुल 22 हजार 226 इंजीनियरिंग सीटों में से करीब 10 हजार 25 सीटें खाली रह गई थीं। सत्र 2016-17 में 24 हजार सीटों में से 10 हजार 838 सीटें खाली थीं। इसके पूर्व 2015-16 सत्र में 25 हजार 670 सीटों पर 14 हजार 739 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया था। इसके पहले 2014-15 सत्र में 26 हजार 80 सीटों में से 14 हजार 245 सीटें ही भर पाई थीं।
Created On :   17 Feb 2020 11:38 AM IST