फर्जी मार्क शीट मामले में फंसे सुनील मिश्रा को यूनिवर्सिटी में नहीं मिलेगी एंट्री, लगाया बैन

entry ban in nagpur university for sunil mishra in fraud marksheet case
फर्जी मार्क शीट मामले में फंसे सुनील मिश्रा को यूनिवर्सिटी में नहीं मिलेगी एंट्री, लगाया बैन
फर्जी मार्क शीट मामले में फंसे सुनील मिश्रा को यूनिवर्सिटी में नहीं मिलेगी एंट्री, लगाया बैन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर यूनिवर्सिटी में बैठक बुलाकर सुनील मिश्रा पर यूनिवर्सिटी के सभी परिसर तथा कार्यालय में एंट्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। उनके खिलाफ सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन में प्रशासकीय गैर-व्यवहार तथा वित्तीय धांधली और फर्जी मार्कशीट के न्याय प्रविष्ठ मामले में यूनिवर्सिटी को गुमराह किए जाने का आरोप है।

सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट में एंट्री ‘फ्रीज’
काणे ने बताया कि सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन को प्रशासकीय गैर-व्यवहार के संबंध में विद्यार्थियों ने शिकायत की थी। 18 दिसंबर 2017 को प्रबंधन समिति की बैठक में जांच कमेटी गठित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव के अधीन एक कमेटी गठित की गई, परंतु कमेटी अध्यक्ष तथा सदस्यों ने जिम्मेदारी संभालने से असमर्थता जताई। इसके बाद 6 जनवरी 2018 को पूर्व जस्टिस बी. सी. चंद्रिकापुरे की अध्यक्षता में दूसरी कमेटी गठित की गई।

कमेटी में विद्वत परिषद सदस्य प्राचार्य डॉ. एम. एस. वानखेड़े और सचिव डॉ. अनिल हीरेखन को नियुक्त किया गया। कमेटी ने यूनिवर्सिटी को जांच रिपोर्ट पेश की, जिसमें संस्थाध्यक्ष सुनील मिश्रा को प्रशासकीय गैर-व्यवहार तथा वित्तीय धांधली के लिए दोषी बताया। विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान तथा यूनिवर्सिटी को गुमराह किए जाने से भविष्य में संस्था की यूनिवर्सिटी से संलग्नता खंडित करने की सिफारिश की गई। कमेटी की रिपोर्ट पर मंगलवार को प्रबंधन समिति की बैठक में चर्चा कर सेंट्रल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन में एंट्री ‘फ्रीज’ करने व संस्था की यूनिवर्सिटी से संलग्नता समाप्त करने का निर्णय लिया गया। विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान टालने के लिए अन्य संस्था में एंट्री देने के निर्णय पर मुहर लगाई गई।

फर्जी अंक सूची मामले की होगी जांच
काणे ने बताया कि सुनील मिश्रा के खिलाफ फर्जी अंक सूची के आधार पर एलएलबी के द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष में एंट्री लेकर यूनिवर्सिटी को गुमराह करने के मामले में वर्ष 1999 से सन 2007 तक कोर्ट में मामले न्यायप्रविष्ठ था। इस बीच, वर्ष 2006 में मिश्रा ने एलएलबी प्रथम वर्ष की फर्जी मार्क शीट यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग को वापस की थी। इसमें खास बात यह है कि वापस की गई अंक सूची फर्जी अंक सूची मामले में लिप्त तत्कालीन कुलसचिव कोहचाड़े के कार्यकाल में जारी की गई थी।

काणे ने बताया जो अंक सूची यूनिवर्सिटी को वापस की गई, उसे कोर्ट की कस्टडी में रखा गया था। फिर मिश्रा के पास कहां से आई। और तो और यूनिवर्सिटी के परीक्षा मंडल ने इसे मंजूर भी कर दिया, जबकि परीक्षा विभाग को यह अधिकार नहीं है। प्रबंधन समिति की बैठक में वर्ष 2006 में परीक्षा मंडल के इस निर्णय को रद्द किया गया। वहीं 9 मार्च 206 को मिश्रा ने विश्वविद्यालय को पत्र देकर पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ट्रैवल्स एंड टूरिज्म की डिग्री यूनिवर्सिटी से वापस लेने का आग्रह किया था। शैक्षणिक दृष्टिकोण से इस डिग्री की आवश्यकता नहीं, इसके पीछे कारण बताया था। मिश्रा द्वारा बताए गए कारण पर संदेह जताते हुए रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया।

इसलिए लिया गया निर्णय
सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन में प्रशासकीय गैर-व्यवहार तथा वित्तीय धांधली तथा फर्जी अंक सूची मामले की जांच करने का निर्णय लिया गया है। जांच में मिश्रा का हस्तक्षेप हो सकता है। इस खतरे को भांपते हुए जांच पूरी होने तक यूनिवर्सिटी के सभी परिसर तथा कार्यालय में एंट्री पर पाबंदी लगाई गई है। उन्हें यूनिवर्सिटी से किसी भी संदर्भ में संपर्क के लिए पत्र-व्यवहार करने का विकल्प दिया गया है। उनके खिलाफ चल रही जांच के संबंध में यूनिवर्सिटी द्वारा बुलाए जाने पर सक्षम अधिकारी की अनुमति पर यूनिवर्सिटी परिसर में एंट्री दिया जाएगा। 

संलग्नता समिति को नोटिस
डॉ. संजय कानोड़े की अध्यक्षता में महाविद्यालय के संलग्नता समिति ने 4 मई 2017 को सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन को भेंट दी थी। समिति ने संस्था की जांच कर सभी कुछ ठीक-ठाक पाए जाने की विश्वविद्यालय को रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के तथ्य और प्रत्यक्ष वस्तुस्थिति में विसंगति पाए जाने से समिति के सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी कर यथायोग्य कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। पत्र परिषद में कुलसचिव पूरणचंद्र मेश्राम उपस्थित थे।

Created On :   23 May 2018 12:01 PM IST

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