ईओडब्लू ने किया सहकारी बैंक घोटाले में ईडी की इंट्री का विरोध , अजित पवार सहित 69 लोगों को मिली है क्लिनचिट

EOW opposes EDs entry in cooperative bank scam, 69 people including Ajit Pawar have received clinchit
ईओडब्लू ने किया सहकारी बैंक घोटाले में ईडी की इंट्री का विरोध , अजित पवार सहित 69 लोगों को मिली है क्लिनचिट
ईओडब्लू ने किया सहकारी बैंक घोटाले में ईडी की इंट्री का विरोध , अजित पवार सहित 69 लोगों को मिली है क्लिनचिट

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) ने महाराष्ट्र स्टेट को आपरेटिव बैंक के  25 हजार करोड़ रुपए के कर्ज घोटाले के मामले में मुंबई की विशेष अदालत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हस्तक्षेप आवेदन का विरोध किया है। ईडी ने इस मामले में ईओडब्लू की क्लोजर रिपोर्ट का विरोध किया है। ईओडब्लूके मुताबिक ईडी का इस प्रकरण से कोई संबंध नहीं है। इसलिए उसके पास इस मामले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार व आधार नहीं है। 

पिछले दिनों ईओडब्लू ने बैंक से जुड़े कथित घोटाले के मामले में राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित 69 आरोपियों को क्लीनचिट देते हुए मुंबई में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की विशेष अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। यह रिपोर्ट मामले से जुड़े लोगों का बयान दर्ज करने के बाद दायर की गई है।क्लोजर रिपोर्ट में ईओडब्लू ने कहा था इस प्रकरण में कोई आपराधिक पहलू नहीं है। यह एक सिविल मामला है। गौरतलब है कि ईडी ने इस मामले को जांच मनी लांड्रिंग कानून के तहत शुरु की थी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर 2020 तक के लिए स्थगित कर दी है। 

जेट एयरवेज मामले में ईडी की याचिका
इधर जेट एयरवेज से जुड़े एक मामले को लेकर ईडी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। सत्र न्यायालय ने पिछले दिनों मामले में जेट एयरवेज के प्रमुख नरेश गोयल को राहत दी थी और ईडी को मामले में हस्तक्षेप करने की इजाजत देने से मना कर दिया था। एडीसनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह इस मामले में ईडी का पक्ष रखेंगे। न्यायमूर्ति रेवती ढेरे ने 19 अक्टूबर 2020 को इस याचिका पर सुनवाई रखी है।
 
अब सिंचाई घोटाले की जांच करना चाहती है ईडी
सत्ताधारी दलों द्वारा सरकारी जांच एजेंसियों का अपने हित में इस्तेमाल अब कोई नई बात नहीं रही। राज्य सरकार के मातहत काम करने वाले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा सिंचाई घोटाले में क्लिनचिट दिए जाने के बाद अब केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सिंचाई घोटाले की जांच करना चाहती है। ईडी ने जल संसाधन विभाग के सचिव से इस मामले से जुड़े कागजातों की मांग की है। समझा जा रहा है कि इससे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की मुश्किले बढ़ सकती हैं। आघाडी सरकार में अजित पवार के जल संसाधन मंत्री रहते यह कथित  घोटाला हुआ था। ईडी ने तत्कालिन जंस संसाधन मंत्री, ठेकेदार व अधिकारियों के आर्थिक व्यवहार की जांच शुरु की है। इस संबंध में ईडी ने बीते 8 सितंबर को जल संसाधन विभाग के सचिव को पत्र भेजा है। ईडी ने कथित सिंचाई घोटाले में मनी लांड्रिंग के एंगल से जांच शुरु की है। ईडी ने कोकण सिंचाई महामंडल के कार्यकारी निदेशक को समन भेज कर 21 अक्टूबर को पूछाताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया है। ईडी ने मई 2020 में विदर्भ सिंचाई महामंडल के तहत आने वाले गोंदिया, यवतमाल, भंडारा जिले की 12 सिंचाई परियोजनाओं में घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज की थी। 

Created On :   17 Oct 2020 12:28 PM GMT

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