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एक माह बाद भी मनपा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं

डिजिटल डेस्क, अमरावती। प्रभात चौक के पाास स्थित राजेंद्र लॉज की जर्जर इमारत ढहने से 5 लोगों की मृत्यु के मामले को एक माह हो गया। घटना के तत्काल बाद उपमुख्यमंत्री व जिले के पालकमंत्री देेवेंद्र फड़णवीस ने घटना की जांच संभागीय आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे को सौंपी थी। एक माह बाद भी संभागीय आयुक्त अपनी जांच रिपोर्ट गोपनीय रहने की बात कहकर गंभीर घटना पर मौन धारण कर बैठे हैं। वहीं, राजेंद्र लॉज हादसे को प्राथमिक रूप से जिम्मेदार मनपा के जोन नंबर 2 के उपअभियंता सुहास चव्हाण और शाखा अभियंता अजय विंचुरकर पर मनपा प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उल्लेखनीय है कि रविवार 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे के दौरान प्रभात टॉकीज के पास स्थित राजेंद्र लॉज के नीचले हिस्से में स्थित राजदीप कलेक्शन का स्लैब ढहने से पांच निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। घटना के बाद मनपा के जोन नंबर 2 के उपअभियंता सुहास चव्हाण और शाखा अभियंता अजय विंचुरकर ने वैद्यकीय अवकाश की अर्जी देकर गायब हो गए। नियम के अनुसार वैद्यकीय अवकाश पर गया हुआ किसी भी विभाग का अधिकारी मुख्यालय में रहना जरूरी है। किंतु दोनों अपने निवास को ताला लगाकर गायब रहते हुए भी निगमायुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने अभी तक दोनों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई नहीं की। वहीं, दूसरी ओर मामले की जांच कर रही कोतवाली पुलिस ने तीन दिन पहले चव्हाण और विंचुरकर दोनों को घटना में सह आरोपी बनाया। जिससे यह स्पष्ट होता है कि मनपा के इन दोनों अधिकारियों की अनदेखी राजेंद्र लॉज हादसे के लिए जिम्मेदार थी। इस स्थिति में भी निगमायुक्त द्वारा दोनों पर निलंबन की कार्रवाई न करना आरोपियों को सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास करने जैसा है। गंभीर घटना को बुधवार 30 नवंबर को एक माह पूर्ण हो रहा है। वहीं सरकार की तरफ से मामले की जांच के लिए नियुक्त संभागीय आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे भी जांच को गोपनीय बताकर पांच लोगों के मृत्यु की गंभीर घटना पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं।
Created On :   30 Nov 2022 2:48 PM IST