बेटी भले कमाए इसके बवाजूद विवाह होने तक पिता से गुजाराभत्ता पाने की हकदार

Even if the daughter earns, she is entitled to maintenance from the father till the time of marriage.
बेटी भले कमाए इसके बवाजूद विवाह होने तक पिता से गुजाराभत्ता पाने की हकदार
कोर्ट ने कहा बेटी भले कमाए इसके बवाजूद विवाह होने तक पिता से गुजाराभत्ता पाने की हकदार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बेटी भले कमाती है इसके बावजूद वह विवाह होने तक पिता से गुजाराभत्ता पाने की हकदार है। बांबे हाईकोर्ट ने पारिवारिक अदालत की ओर से कही गई इस बात का जिक्र करते हुए पिता को वयस्क बेटी को गुजाराभत्ता देने के आदेश को कायम रखा है। पिता ने कोर्ट में दावा किया था कि उनकी बेटी 25 साल की है और वह मॉडलिंग के जरिए 72 से 80 लाख रुपए  कमाती है। लिहाजा बेटी को प्रतिमाह 25 हजार रुपए गुजाराभत्ता देने के आदेश को रद्द कर दिया जाए। 

सोशल मीडिया में चमकदार पोस्ट डालना युवाओं की आदत
न्यायमूर्ति भारती डागरे ने पिता की ओर से दायर याचिका पर गौर करने के बाद कहा कि पिता ने बेटी की कमाई को लेकर जो दावा किया है कि वह बेटी की ओर से इंस्टाग्राम में डाली गई तस्वीर व वहां पर लिखी बातों पर आधारित है। लेकिन सोशलमीडिया में चमकदार तस्वीरे डालना व आकर्षक पोस्ट डालना आज के युवाओं की आदत बन गया है और सोशल मीडिया में लिखी बाते अक्सर सही नहीं होती है। इस बात को सभी जानते है। इसलिए सोशल मीडिया में बेटी द्वारा कही गई बात को विश्वसनीय नहीं माना जा सकता है। पिता की ओर से बेटी की कमाई को लेकर कोई स्वंतत्र प्रमाण नहीं पेश किया गया है। इसके अलावा वर्तमान में बेटी परेल के एक अकादमी में अपने कैरियर की तैयारी में जुटी है और उसकी आय का कोई स्त्रोत भी नजर नहीं आ रहा है।

 ऐसे में पिता की आमदनी व बेटी के प्रति उसकी जिम्मेंदारी को देखते हुए  पिता की गुजारा भत्ता बंद करने की मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। न्यायमूर्ति ने कहा कि पारिवारिक अदालत ने बेटी की कमाई को लेकर को पिता के दावे पर जो अविश्वास दर्शाया है वह पूरी तरह से सही है।  इससे पहले कोर्ट ने साल 2018 में पिता को अपनी बेटी को 25 हजार रुपए देने का आदेश दिया था। इसके साथ ही परिस्थिति बदलने पर पिता को दोबारा याचिका दायर करने की छूट दी थी।  हाईकोर्ट की ओर से मिली इस छूट के तहत पिता ने हाईकोर्ट में दोबारा याचिका दायर की थी। याचिका में पिता ने दावा किया था कि उसकी बेटी की पढाई पूरी हो चुकी है वह पर्याप्त पैसे कमाती है जिससे वह अपनी देखरेख कर सकती है। लिहाजा उसे गुजारेभत्ते की जरुरत नहीं है। इसलिए गुजारेभत्ते को लेकर दिए गए आदेश में बदलाव किया जाए।  याचिका पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि पारिवारिक न्यायालय ने कानून के तहत कहा है कि बेटी भले वयस्क हो और वह कमाती भी हो इसके बावजूद वह पिता से गुजाराभत्ता पाने की हकदार है। हिंदु विवाह अधिनियम की धारा 24 में ऐसा कोई निर्बंध नहीं है जो पिता को अपनी वयस्क बेटी को गुजाराभत्ता देने से रोकता हो। 

Created On :   21 Jun 2022 8:09 PM IST

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