महिलाएं स्वयं बनें शासक,महिलाओं को दिया मूलमंत्र

Everyone has boundaries, no one can be super-Smita Kale
महिलाएं स्वयं बनें शासक,महिलाओं को दिया मूलमंत्र
महिलाएं स्वयं बनें शासक,महिलाओं को दिया मूलमंत्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सुपर मॉम और सुपर वुमन जैसे लेबल लगाकर बाजार में महिलाओं ने मार्केटिंग की है। सभी की सीमाएं होती है, कोई भी सुपर नहीं हो सकता है। स्त्री पोषण करने वाली है। उसे सराहना की आवश्यकता नहीं, क्योंकि वह खुद में ही एक सराहना है। इसलिए सशक्तिकरण के जाल में न फंसकर खुद शासन चलाने वाली बनें। महिलाओं को यह मूलमंत्र मनपा धंतोली जोन की सहायक आयुक्त स्मिता काले ने दिया। वे  मनपा के महिला व बाल विकास समिति व समाज कल्याण विभाग के तत्वावधान में आयोजित महिला उद्योजिका सम्मेलन में बतौर उद्घाटक बोल रही थीं।  मंच पर महिला व बाल विकास समिति सभापति प्रगति पाटील, उपसभापति विशाखा मोहोड, दिव्या धुरडे, सरिता कावरे, उपायुक्त डॉ. रंजना लाडे, जोन सहायक आयुक्त सुवर्णा दखणे, राजू भिवगड़े, सुभाष जयदेव, अभियंता कल्पना मेश्राम, नगरसेविका मनीषा कोठे, जयश्री वाडीभस्मे आदि उपस्थित थीं।

एक सी होती है महिलाओं की समस्याएं
आगे काले ने कहा कि, अमीर हो या गरीब सभी महिलाओं की समस्याएं कम-ज्यादा प्रमाण में एक सी ही होती है। उद्योजिका शब्द बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वह आर्थिक दृष्टि से संपन्न करने वाला है। स्त्रियों का आर्थिक स्वालंबन उन्हें समस्याओं से बाहर निकाल सकता है, जो महिला उद्योजिका सम्मेलन से संभव है। आज कार्पोरेट क्षेत्र में भी महिलाएं बड़े पद पर आसिन हैं। इतिहास में, संत परंपरा में भी महिलाओं की महिमा को छुपाया नहीं गया। 
 

इनका किया गया सत्कार
सम्मेलन में तीसरे दिन कीर्तन प्रबोधनकार मृण्मयी कुलकर्णी, दृष्टिबाधित रहते हुए भी योग, नेचरोपैथी, संगीत क्षेत्र में कार्यरत जिज्ञासा कुबड़े, 22 साल से निराधारों की सेवा कर रही निशीगंधा रामटेके, परागकण पर पीएचडी करने वाली राज्य आदर्श शिक्षक पुरस्कार प्राप्त मंगला गावंडे, संवेदना संस्था की ज्योति फडके काे सम्मानित किया गया।

उल्लेखनीय है कि महिलाओं को मंच उपलब्ध करवाने के लिए आयोजित उद्योजिका मेले में महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद को मार्केट मिला है इससे उनकी आर्थिक स्थिति को भी बल मिलकर आगे उन्नति की राह बनेगी।
 

Created On :   9 Jan 2019 12:25 PM IST

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