कोरोना काल में एग्जाम छात्रों के लिए हो सकता है नुकसानदेह

Examination in Corona period can be harmful for students
कोरोना काल में एग्जाम छात्रों के लिए हो सकता है नुकसानदेह
कोरोना काल में एग्जाम छात्रों के लिए हो सकता है नुकसानदेह

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि कोरोना के प्रकोप बीच विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षा का आयोजन विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक साबित हो सकता है। उच्च शिक्षा विभाग ने हलफनामा दायर कर कोर्ट में यह दावा किया है। यह हलफनामा अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करने के राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ दायर याचिका के जवाब में दाखिल किया गया है। इस याचिका पर 17 जुलाई 2020 को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।  हलफनामे में कहा गया है कि परीक्षा न लेने के संबंध में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक की गई थी। इस दौरान कोरोना के चलते पैदा हुई परिस्थितियों व राज्य भर में बने प्रतिबंधित क्षेत्रों का जायजा लिया गया। इसके अलावा कॉलेज की इमारतों में कोरोना के चलते क्वारेंटाईन केंद्र बनाया गया। विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर से भी इस बारे में चर्चा की गई है। इसके बाद परीक्षा न लेने का निर्णय किया गया है। इसलिए कोरोना के मद्देनजर विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिहाज से परीक्षा का आयोजन नुकसानदेह साबित हो सकता है। 

इस विषय पर पुणे निवासी धवल कुलकर्णी ने अधिवक्ता उदय वरुनजेकर के मार्फत जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि परीक्षाओं के नियमन का अधिकार विश्व विद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पास है। राज्य सरकार के पास परीक्षा के विषय में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। इसलिए राज्य सरकार के 19 जून 2020 के शासनादेश को रद्द कर दिया जाए। इसके तहत सरकार व्यावसायिक व गैर व्यावासिक पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों की परीक्षा लेने की बजाय उन्हें उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर औसत अंक देगी। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को यूजीसी को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया था। 

Created On :   16 July 2020 1:12 PM GMT

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