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शराब कंपनियों व गोदामों पर आबकारी विभाग की नजर, लगाए सीसीटीवी कैमरे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार अब शराब पर नजर रखने जा रही है। जी हां शहर में शराब बनाने वाली कंपनियों पर नजर रखने सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। आबकारी विभाग के अधिकारी अब कार्यालय में बैठे-बैठे मोबाइल पर यह देख सकेंगे कि किसी शराब कंपनी या उसके गोदाम में क्या हो रहा है। इतना ही नहीं, यह अधिकारी शहर की होलसेल व वाइन शॉप की दुकानों में शराब की खरीदी और बिक्री की जानकारी भी ले सकेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शहर की 40 शराब फैक्ट्रियों और उनके गोदामों में आबकारी विभाग ने सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इन कैमरों को आबकारी विभाग के अधिकारियों के मोबाइल फोन से अटैच किया गया है। इतना ही नहीं, आबकारी विभाग ने शराब कंपनियों व उनके गोदामों के बाहर अपने जवान भी तैनात कर दिए हैं।
अधिकारियों को मिलेगी जानकारी
शराब कंपनी में तैनात जवान अधिकारियों को सूचना देंगे कि कंपनी में कितना माल का उत्पादन हुआ और कितना माल बाहर भेजा गया। इसका लेखा-जोखा देकर संबंधित अधिकारी के शराब कंपनियों में तैनात आबकारी विभाग के जवानों को हस्ताक्षर लेने के बाद तैयार माल व कंपनी को सील लगाई जाएगी। दूसरे दिन आबकारी जवानों से चाबी लेकर फैक्टरियों व गोदाम में कार्य शुरू किया जा सकेगा। शराब बनाने वाली कंपनियां कामठी रोड, हिंगना रोड, बूटीबोरी व एमआईडीसी क्षेत्र में शुरू है। इन कंपनियों के ज्यादातर गोदाम वाडी, वडधामना, एमआईडीसी और हिंगना क्षेत्र में हैं।
एक क्लिक पर मिलेगी सारी जानकारी
शहर के आबकारी विभाग के अधिकारी अपने मोबाइल फोन पर एक क्लिप पर यह जानकारी हासिल कर लेंगे िक शहर की किस शराब कंपनी या उसके गोदाम के अंदर क्या चल रहा है। इसमें अगर आबकारी विभाग को कोई शराब कंपनी के साथ मिलकर किसी तरह की घपलेबाजी करता है तो उसकी करतूत भी आबकारी अधिकारियों को विशेष एप के माध्यम से पता चल जाएगी। आबकारी अधिकारी अपने मोबाइल फोन पर शराब कंपनी के प्रवेश द्वार से लेकर अंदर यूनिट में क्या हो रहा है। इस बारे में सब कुछ पता लगा लेंगे। नागपुर शहर में हर साल 200 करोड़ रुपए से अधिक शराब का कारोबार होता है। अवैध शराब का तो कोई रिकॉर्ड ही नहीं है। नागपुर के रास्ते से विदर्भ के शराब प्रतिबंधित जिलों में शराब माफिया करोड़ों रुपए का कारोबार कर रहे हैं। आबकारी विभाग ने इन पर भी शिकंजा कसने के लिए नए नाका बनाया है।
-शहर में हर साल 200 करोड़ से अधिक है शराब का कारोबार
-आबकारी विभाग के दो जवान तैनात रहेंगे कंपनियों व गोदामों में
-अधिकारियों के हस्ताक्षर के बाद कंपनी में बने माल पर लगेगी सील
-आबकारी विभाग के कर्मचारी के पास जमा करनी पड़ेगी चाबी
-शराब के बड़े होलसेल डीलरों व वाइन शॉप दुकानों में खरीदी-बिक्री पर सीधी नजर
-25 अवैध शराब माफिया किए जाएंगे तड़ीपार, कानूनी प्रक्रिया हो रही तैयार
Created On :   25 March 2019 7:03 AM GMT