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रिश्वत के मामले में कार्यपालन यंत्री और बाबू को 5-5 साल की सजा

डिजिटल डेस्क, कटनी। विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने रिश्वत लेने के एक मामले में जल संसाधन विभाग कटनी के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री चिंतामन ठाकरे को चार वर्ष एवं क्लर्क कृष्णकुमार सोनवानी को पांच वर्ष के सश्रम कारावास तथा पांच-पांच हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक लोकायुक्त अभिषेक मेहरोत्रा द्वारा पैरवी की गई।
यह है मामला
मामला यह है कि शिकायतकर्ता के.बी.गुप्ता ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर के समक्ष उपस्थित होकर शिकायत की थी कि उसके अर्जित अवकाश के प्रकरण का निराकरण कार्यपालन यंत्री चिंतामन ठाकरे से करवाने के लिए कार्यालय के क्लर्क (स्थापना लिपिक) कृष्णकुमार सोनवानी उससे 7000 रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे हैं। उक्त सम्बंध में वह कार्यपालन यंत्री चिंतामन ठाकरे से मिला तो उन्होंने भी यही कहा कि सोनवानी बाबू जो कह रहे हैं वही करो तभी आपका काम होगा।
उक्त शिकायत पर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर के निर्देशानुसार लोकायुक्त ट्रेपदल निरीक्षक राजीव गुप्ता द्वारा दिनांक. 18/07/2013Ó को आरोपी क्लर्क श्री के.के.सोनवानी को 4000 रुपये की रिश्वत लेते जल संसाधन विभाग कटनी से गिरफ्तार किया गया था। उसी समय कार्यपालन यंत्री चिंतामन ठाकरे को भी लोकायुक्त ने रिश्वत की मांग का दुष्प्रेरण करने के अपराध में गिरफ्तार किया था। लोकायुक्त पुलिस द्वारा विवेचना उपरान्त उक्त मामलें का अभियोगपत्र विशेष न्यायालय कटनी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
विशेष न्यायाधीश ने कार्यपालन यंत्री चिंतामन ठाकरे को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7/12 में चार वर्ष के सश्रम कारावास तथा 5000 हजार रुपये के अर्थदण्ड एवं क्लर्क कृष्णकुमार सोनवानी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में चार वर्ष के सश्रम कारावास तथा 5000 हजार रुपये के अर्थदण्ड एवं धारा 13 (2) में पांच वर्ष के सश्रम कारावास तथा 5000 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई।मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक लोकायुक्त अभिषेक मेहरोत्रा द्वारा पैरवी की गई।
Created On :   30 Nov 2018 6:26 PM IST