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विज्ञान की अवधारणाओं को समझने प्रयोग जरूरी : डॉ. नाथ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अपूर्व विज्ञान मेला विज्ञान शिक्षा के लिए मॉडल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। विज्ञान की अवधारणाओं को सिर्फ क्लासरूम में बैठ कर ही नहीं समझा जा सकता है। इसके लिए प्रयोग जरूरी है। प्रयोग भी ऐसे हों, जो आसानी से तैयार किए जा सकें। उक्त विचार वरिष्ठ वैज्ञानिक विज्ञान प्रसार डॉ. रिंटू नाथ ने व्यक्त किए। डॉ. नाथ अपूर्व विज्ञान मेला के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भी इसी प्रकार की एक्टिविटी को बढ़ावा देती है। साथ ही विज्ञान शिक्षा के लिए तो यह मॉडल बहुत उपयोगी है। राष्ट्रभाषा भवन में आयोजित विज्ञान मेला में अतिथियों का स्वागत संस्था के सचिव सुरेश अग्रवाल ने किया।
विद्यार्थी, शिक्षक उठाएं लाभ
राज्य विज्ञान शिक्षण संस्था के निदेशक रवींद्र रमतकर ने कहा कि अपूर्व विज्ञान मेला कंसेप्ट आधारित प्रयोग हैं। आसानी से उपलब्ध सामानों से सहजता से प्रयोग किए जा सकते हैं। अत्यंत कम खर्च के प्रयोगों से विज्ञान की अवधारणाओं को स्पष्टता से समझने का तरीका यहां से सीखा जा सकता है। विद्यार्थी, शिक्षक और आम जनता को भी इसका लाभ उठाना चाहिए। शिक्षणाधिकारी प्रीति मिश्रीकोटकर ने भी कहा कि अपूर्व विज्ञान मेला मनपा शाला के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए अपूर्व अवसर है। इससे विद्यार्थियों में ज्ञान, संवाद कौशल का विकास होता है।
19 दिसंबर तक आयोजन
एआरटीबीएसई के कार्याध्यक्ष राजाराम शुक्ला ने कहा कि सभी के प्रयासों से विज्ञान मेला के 24 वर्ष पूरे हो चुके हैं। अगले वर्ष यह अभिनव प्रयोग रौप्य महोत्सव मनाने जा रहा है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से तापस साहा, मनपा के जनसंपर्क अधिकारी मनीष सोनी, अब्दुल बारी खान उपस्थित थे। विज्ञान मेला 19 दिसंबर तक सुबह 11 से शाम 4 बजे तक राष्ट्रभाषा परिसर में जारी रहेगा। मनपा शालाओं के विद्यार्थियों द्वारा प्रयोगों का प्रदर्शन किया जा रहा है। राष्ट्रभाषा परिवार के कलाकारों ने पथनाट्य सरलता से समझेंगे विज्ञान प्रस्तुत किया। इसमें प्लास्टिक, मोबाइल जैसे वैज्ञानिक आविष्कारों के फायदे और नुकसान का वर्णन रोचक अंदाज में किया गया।
Created On :   16 Dec 2021 6:18 PM IST