कोरोना की दूसरी लहर के निपटने विशेषज्ञों ने की तैयारी, अस्पताल भी तैयार

Experts prepare to deal with second wave of Corona, hospital also ready
कोरोना की दूसरी लहर के निपटने विशेषज्ञों ने की तैयारी, अस्पताल भी तैयार
कोरोना की दूसरी लहर के निपटने विशेषज्ञों ने की तैयारी, अस्पताल भी तैयार

डिजिटल  डेस्क, नागपुर। शहर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। लगातार आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं कि, कोरोना की दूसरी लहर जनवरी - फरवरी के बीच आ सकती है। एक बार फिर संक्रमिताें की संख्या बढ़ सकती है। इसे लेकर इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो), शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) और अ.भा. आयुर्विज्ञान केंद्र (एम्स) के विशेषज्ञों से हमने बात की। उन्होंने बताया कि, हम आनेवाले इस आपदा से निपटने पूरी तरह तैयार हैं। सभी व्यवस्थाएं कर दी  गई हैं। 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ...
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों का मानना है कि, दूसरी लहर तब आती है जब बहुत ज्यादा लोग एक-दूसरे के संपर्क में आए हों, जैसे शादियां हो रही हैं। मिलन समारोह हो रहे हैं, ऐसे में संक्रमण तेजी से फैलता है। हम अगर शहर की बात करें, तो सीरो सर्वे में दो हजार लोगों की जांच की गई, जिसमें 50 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी बन चुकी है, इसका मतलब 50 प्रतिशत लोग संक्रमित हो चुके हैं, ऐसे में शहर में यदि मरीज बढ़ते हैं, तो पिछली बार जितनी संख्या नहीं रहेगी। यह मरीज धीरे-धीरे बढ़ेंगे। जनवरी या फरवरी माह में दूसरी लहर आ सकती है। 

ग्रामीण क्षेत्र में दो हजार लोगों में एंटीबॉडी बनी थी। ग्रामीण में खुले क्षेत्र ज्यादा हैं, तो वहां भी मरीज कम आएंगे, लेकिन जो कोमॉर्बिड मरीज हैं उन्हें बड़ी समस्या होने वाली है। जिन्हें किडनी की समस्या, डायबिटीज, टीबी, एचआईवी और अन्य बड़ी बीमारी से ग्रसित लोग ‘हाई रिस्क’ में होंगे। 

अनुभव का फायदा मिलेगा
 विशेषज्ञों का कहना है की हम लोगों को हमारे अनुभवों और दूसरे देशों के अनुभवों की जानकारी दे रहे हैं। साथ ही कोरोना मरीजों को किस तरह का ड्रग देना है, इसकी भी जानकारी बहुत अच्छी तरह मिल चुकी है। इसके साथ ही कोरोना का जो डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ में डर है, उसे खत्म करने के लिए साइकियाट्रिक विभागों में सेमिनार आयोजित कर रहे हैं। अलग-अलग कार्यक्रमों से सभी को मानसिक रूप से मजबूत और तैयार कर रहे हैं।

मांगे 34 करोड़, सरकार ने दिए 13.50 करोड़
काेरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष कोविड-19 बनाया है। इसके माध्यम से राज्यभर में आपदा व्यवस्थापन के लिए निधि मुहैया करायी जा रही है। सितंबर महीने में 34 करोड़ रुपए चाहिए थे। सरकार से इस निधि की मांग की गई थी। सरकार ने जरूरत के हिसाब से पूरी निधि न देते हुए नवंबर महीने में केवल 13.50 करोड़ रुपए दिए हैं। अब और 20.50 करोड़ रुपए के लिए जिला प्रशासन प्रयास कर रहा है। सूत्रों के अनुसार जिस निधि की मांग की गई थी, उससे केवल सितंबर महीने तक ही व्यवस्थापन हो सकता था। अब और तीन महीने बढ़ चुके हैं, इसलिए आगे भी निधि की आवश्यकता होगी। निधि देने में विलंब होने के कारण समय के साथ मांग का आंकड़ा बढ़ता जाएगा।
  

Created On :   10 Dec 2020 3:10 PM IST

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