विलुप्त होती भाषा और बोली ने बढ़ाई RSS की चिंता

Extinction of language and dialect raises concern for RSS
विलुप्त होती भाषा और बोली ने बढ़ाई RSS की चिंता
विलुप्त होती भाषा और बोली ने बढ़ाई RSS की चिंता

रघुनाथसिंह लोधी, नागपुर। विलुप्त होती भाषा, बोली को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ गहन चिंतन कर रहा है। संघ का मानना है कि क्षेत्रीय व आंचलिक स्तर पर बोली जानेवाली भाषा, बोलियां भारतीय परंपरा की वाहिका है। इन्हें सुरक्षित व समृद्ध रखने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। डॉ.हेडगेवार स्मृति मंदिर भवन रेशमबाग में  शुक्रवार से संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा आरंभ हुई। सरसंघचालक मोहन भागवत व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी की प्रमुख उपस्थिति में इस सभा में देश भर से 1500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। प्रतिनिधि सभा में  भाषा,बोली को लेकर मंथन की विशेष पहल की गई है। सभा में विशेष प्रस्ताव के तहत भाषा बोली के संरक्षण का मामला चर्चा में लाया जा रहा है। क्षेत्रीय स्तर के गीत,भजन व कहानियों को प्रोत्साहित करने के लिए संघ के कार्यकर्ता समाज के बीच जायेंगे। पत्रकार वार्ता में संघ कार्यों की जानकारी देते हुए सहसरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा कि फिलहाल प्रतिनिधि सभा में एक मात्र विशेष प्रस्ताव लाया जा रहा है। वह प्रस्ताव भाषा, बोली की सुरक्षतिता से संबंधित है। श्री गोपाल ने बताया कि संघ से युवाओं के जुड़ने की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले एक वर्ष में ही देखा जाये तो प्राथमिक व विशेष प्रशिक्षण वर्ग के माध्यम से 1 लाख 19 हजार 457 कार्यकर्ताओं को संघ का प्रशिक्षण दिया गया है।

शामिल होंगे 15 सौ से अधिक प्रतिनिधि 
प्रतिनिधि सभा में 1538 प्रतिनिधियों का शामिल होना अपेक्षित है। इनमें से 95 प्रतिशत प्रतिनिधि निश्चित ही उपस्थित रहेंगे। देश के 95 प्रतिशत जिलों से प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। 25 महिला कार्यकर्ताओं का भी समावेश है। एक वर्ष के संघ विस्तार कार्य को देखा जाये तो नगालैंड व कश्मीर घाटी के हिस्सों को छोड़कर देश के 95 प्रतिशत जिलों में संघ के प्रशिक्षण कार्य चल रहे हैं। फिलहाल 37000 स्थानों पर 58969 शाखाएं चल रही है। दैनिक शाखा के अलावा साप्ताहिक मिलन व मासिक मिलन के तौर पर मंडली कार्यक्रम चल रहे हैं। शाखा, मिलन ,मंडली के तौर पर 83348 स्थानों पर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विशेष प्रशिक्षण के तहत पिछले वर्ष 86 स्थानों पर शिक्षा वर्ग का आयोजन किया गया। 13 स्थानों पर हिंदू स्प्रीच्यूअल सर्विस फेयर का भी आयोजन किया गया। पत्रकार वार्ता में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य भी उपस्थित थे।
 
किसान आंदोलन के मामलों को कहा राजनीतिक प्रश्न

महाराष्ट्र में न्याय की मांग के साथ सड़कों पर प्रदर्शन करनेवाले किसानों से जुड़े प्रश्न पर सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा कि यह तो राजनीतिक प्रश्न है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए। किसान समृद्ध होना चाहिए। संघ के सेवा कार्य में किसानों की सहायता का विषय भी शामिल है। एक मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संघ किसानों के लिए भी काम करता है

Created On :   9 March 2018 12:00 PM IST

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