औरंगाबाद और अमरावती के सक्षम प्राधिकरण को जल्द मिलेंगी सुविधाएं - सरकार का आश्वासन 

Facilities will be given Soon to  competent authority of Aurangabad and Amravati
औरंगाबाद और अमरावती के सक्षम प्राधिकरण को जल्द मिलेंगी सुविधाएं - सरकार का आश्वासन 
औरंगाबाद और अमरावती के सक्षम प्राधिकरण को जल्द मिलेंगी सुविधाएं - सरकार का आश्वासन 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार सभी सक्षम प्राधिकरणों को जरुरी सुविधाएं व संसाधन प्रदान करे ताकि वे प्रभावी ढंग से अपना काम कर सके। जस्टिस आरएम बोर्डे की बेंच ने संजय जगताप की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। याचिका में महाराष्ट्र  रेंट कंट्रोल एक्ट के तहत बनाए गए सक्षम प्राधिकरण के कामकाज को जरुरी संसाधन देने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

यह प्राधिकरण लीव एंड लाइसेंस के अलावा दूसरे अनुबंधों के चलते पैदा होनेवाले विवादों को सुनता है। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील अभिनंदन व्यज्ञानी ने बेंच के सामने कहा कि औरंगाबाद व अमरावती के सक्षम प्राधिकरण को जल्द से जल्द जरुरी सुविधाएं प्रदान की जाएगी। कई जगहों के प्राधिकरण को हमने आवश्यक सुविधाएं दी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र रेंट कंट्रोल कानून के अंतर्गत सिविल जज जूनियर डिविजन को सक्षम प्राधिकरण के रुप में अधिसूचित किया गया है। उन्होंने हलफनामा दायर कर साफ किया कि प्राधिकरण के लिए जरुरी स्टाफ नियुक्ति को लेकर 12 मार्च 2018 को अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह अधिसूचना कोकण विभाग के लिए लागू नहीं होगी।

नागपुर के लिए बड़ी जगह की तलाश
हलफनामे के मुताबिक नाशिक, नागपुर, पुणे व कोकण विभाग में सक्षम प्रधाकिण की नियुक्ति कर दी गई है। नागपुर के सक्षम प्राधिकरण के लिए फिलहाल एक हजार वर्ग फुट की जगह उपलब्ध कराई गई है। जबकि नागपुर जिलाधिकारी कार्यालय प्राधिकरण के लिए और बड़ी जगह की तलाश कर रहा है। अमरावती व औरंगाबाद के लिए सक्षण प्राधिकरण के रुप में राज्य के विधि व न्याय विभाग ने करुणा पात्रे व दत्तात्रेय वामने (सिविल जज जूनियर डिवीजन) के नाम की सिफारिश की है। अमरावती व औरंगबाद के सक्षम प्राधिकरण के लिए जल्द से जल्द जरुरी सुविधाएं प्रदान की जाएगी। राज्य के गृह निर्माण विभाग के उपसचिव ने यह हलफनामा हाईकोर्ट के 7 फरवरी 2018 के निर्देश के तहत दायर किया है।

सरकारी वकील से मिली इस जानकारी के बाद बेंच ने कहा कि सरकार ने रियल इस्टेट से जुड़ी शिकायतों के लिए रेरा कानून के तहत प्राधिकरण कानून बनाया है। इसी तरह जाति पड़ताल कमेटी भी बनाई है। इसी तरह रेंट कंट्रोल कानून के तहत सक्षम प्राधिकरण बनाया गया है। ये सभी संस्थाए प्रभावी रुप से काम कर सके इसके लिए सरकार उन्हें सभी जरुरी सुविधाएं व संसाधन प्रदान करे। बेंच ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।

Created On :   16 Aug 2018 9:10 PM IST

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