- कोलकाता अग्निकांड: MP सीएम शिवराज सिंह ने जताई संवेदना
- कोलकाता अग्निकांड: मरने वालों के परिजनों कोे दो-दो लाख के मुआवजे का पीएम मोदी ने किया ऐलान
- आज असम के CM सर्बानंद सोनोवाल माजुली विधानसभा से अपना नॉमिनेशन भरेंगे
- आज दिल्ली विधानसभा में 'आप' सरकार पेश करेगी बजट
- आज भारत-बांग्लादेश के बीच बने 'मैत्री सेतु' का उद्घाटन करेंगे PM मोदी
विकास निधि के खर्च से बनाई सुविधा सभी के लिए है – HC

हाईलाइट
- आंबेडकर सेंटर फॉर जस्टिस एंड पीस नामक संस्था की ओर से दायर याचिका खारिज की
- संस्था को मुंबई के उपनगरीय इलाके में देखरेख करने 5 साल के लिए दिया था भूखंड
- विकास निधि के जरिए बनाई गई व्यामशाला की जमीन के दुरुपयोग का लगाया था आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। यदि कोई सुविधा विधायक की क्षेत्र विकास निधि के खर्च से बनाई जाती है तो उसका लाभ सभी को मिलना चाहिए। बांबे हाईकोर्ट ने यह बात कहते हुए आंबेडकर सेंटर फार जस्टिस एंड पीस नामक संस्था की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है। संस्था को मुंबई के उपनगरीय इलाके में देखरेख के लिए एक भूखंड 5 साल के लिए प्रदान किया गया था, जिसमें विधानसभा सदस्य कपिल पाटिल की क्षेत्र विकास निधि के जरिए वहां पर एक व्यामशाला बनाई गई थी।
लक्ष्मी-विष्णु को-ऑपरेटिव हाउंसिग सोसायटी ने उपरोक्त संस्था के खिलाफ उपनगरीय जिलाधिकारी के यहां शिकायत की थी। शिकायत में दावा किया गया था कि संस्था जमीन का दुरुपयोग कर रही है, वहां पर गंदगी फैलाई जा रही है। इसके साथ ही वहां के पेड़ों को काटा जा रहा है। इसके बाद जिलाधिकारी ने भूखंड को रखरखाव के लिए स्लम इंप्रूवमेंट बोर्ड को सौंप दिया।
आंबेडकर सेंटर फॉर जस्टिस एंड पीस नामक संस्था ने कोकण विभागीय आयुक्त के पास अपील की। विभागीय आयुक्त ने कलेक्टर के आदेश को कायम रखा। लिहाजा संस्था ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। न्यायमूर्ति आरएम सावंत व न्यायमूर्ति नितिन सांब्रे की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि संस्था को पांच साल के लिए भूखंड रखरखाव के खातिर दिया गया था। यह पांच वर्ष साल 2015 में खत्म हो गए थे।
संस्था को भूखंड पर कोई मालिकाना हक नहीं है। लिहाजा हमें जिलाधिकारी के आदेश में कोई खामी नजर नहीं आती है। इसके अलावा यदि कोई सुविधा विधान सभा सदस्य के क्षेत्र विकास निधि से बनाई जाती है तो यह अपेक्षा होती है कि उसका लाभ सभी को मिले। यह कहते हुए खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।