बीड़गांव ग्राम पंचायत में कारखाना संचालक डूबा रहे लाखों का राजस्व

Factory operators are submerging the revenue of lakhs in Birgaon Gram Panchayat
बीड़गांव ग्राम पंचायत में कारखाना संचालक डूबा रहे लाखों का राजस्व
टैक्स चोरी बीड़गांव ग्राम पंचायत में कारखाना संचालक डूबा रहे लाखों का राजस्व

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बीड़गांव ग्राम पंचायत में कारखानादारों ( संचालकों) को टैक्स में खुली छूट देकर लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान किया गया है। तीन सदस्यीय समिति की जांच में किसी भी कारखानादार पर टैक्स नहीं लगाए जाने की पुष्टि हुई है। जांच रिपोर्ट जिला परिषद को पेश की गई है।

लाखों रुपए का चूना 
 गत 10 साल में कारखानादारी के दायरे में आने वाले 13 से 14 कारखाने ग्राम पंचायत की सीमा में शुरू हुए हैं। इसके अलावा छोटे तथा मंझोले 50 से ज्यादा उद्योग चल रहे हैं। बताया जाता है कि साठ-गांठ से कारखानों को टैक्स में खुली छूट दी जा रही है। 3 सदस्यीय कमेटी की जांच में कारखानों को टैक्स नहीं लगाए जाने की पुष्टि होने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि गांव वालों से चर्चा में सामने आया कि संपत्ति कर वसूली के लिए भारी सख्ती की जाती है। बस्ती के अनधिकृत मकानों पर भी टैक्स वसूल किया जा रहा है। इस कारण ग्रामवासियों में रोष है।

यह है नियम
मुंबई ग्राम पंचायत अधिनियम 1958 की धारा 124 अंतर्गत महाराष्ट्र ग्राम पंचायत टैक्स व फीस नियम 1960 में गांव की सीमा में इमारत तथा जमीन पर टैक्स लगाने व वसूल करने का ग्राम पंचायत को अधिकार है। प्राप्त अधिकार का उपयोग कर निवासी और औद्योगिक इस्तेमाल के आधार पर टैक्स लगाया जाता है। ग्राम पंचायत की सीमा में किए गए अधिकृत तथा अनधिकृत निर्माणकार्य पर टैक्स लगाकर वसूल करना ग्राम पंचायत पर बंधनकारी है। टैक्स लगाए जाने वाली संपत्ति ग्राम पंचायत के नमूना 8 में रजिस्टर्ड होनी चाहिए।

ग्राम पंचायत को टैक्स का अधिकार 
ग्राम पंचायत की सीमा में आने वाली संपत्ति पर वर्ग फीट के हिसाब से टैक्स लगाया जाता था। साल 2015 में नियम में संशोधन कर संपत्ति के मूल्य पर टैक्स लगाने का अधिकार दिया गया। हर चार साल में संपत्ति का मूल्यांकन करने व टैक्स का पुनर्निर्धारण करने का ग्राम पंचायत को अधिकार है।

रिपोर्ट में पुष्टि 
बीड़गांव ग्राम पंचायत ने अपनी सीमा में कारखानों पर टैक्स नहीं लगाया। जांच कमेटी की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। कमेटी की रिपोर्ट जिला परिषद को प्राप्त हुई है। 
-प्रमिला जाखलेकर, डिप्टी सीईओ, पंचायत विभाग, जिला परिषद

Created On :   25 Nov 2021 4:32 AM GMT

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