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किसानों को समर्पित फडणवीस सरकार का चौथा बजट, 15375 करोड़ का घाटा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में खेती की खराब हो रही हालत और किसानों में पैदा हो रही नाराजगी के मद्देनजर फडणवीस सरकार का एक और बजट किसानों को समर्पित दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को राज्य के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा और वित्तराज्य मंत्री दिपक केसरकर ने विधान परिषद में वर्ष 2018-19 वार्षिक बजट पेश किया। 15 हजार 375 करोड़ रुपए के ऐतिहासिक राजस्व घाटे का बजट पेश करते हुए इंफास्टेक्चर परियोजनाओं, कृषि व रोजगार के लिए भरपुर प्रावधान किए गए हैं। फलस्वरुप आय और व्यय का गणित गड़बड़ा गया है। पिछले साल कि अपेक्षा राजस्व घाटा बढ़ा है। 2017-18 में राजस्व घाटा 4511 करोड़ रुपए था। राजस्व बढ़ाने के लिए किसी तरह के कर बढ़ोतरी से परहेज किया गया है। किसान को उपज का दोगुना मूल्य दिलाने का वादा करते हुए खेती-किसानी के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। साथ ही रोजगार उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया गया है।
75 हजार 909 करोड़ रुपए का प्रावधान
खेती और उससे जुड़ी योजनाओं के लिए बजट में 75 हजार 909 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स में समानता आने और टैक्स केंद्र का विषय होने के चलते इस बार के बजट में सस्ता-मंहगा कॉलम नदारत है। हालांकि सरकार का दावा है कि जीएसटी के चलते राज्य में 5 लाख 32 हजार नए करदाता मिले हैं। 2018-19 के बजट में राजस्व जमा 2 लाख 85 हजार 968 करोड़ जबकि राजस्व खर्च 2 लाख 1 हजार 343 करोड़ अनुमानित है। इससे 15 हजार 375 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है। वित्तमंत्री ने कहा कि आनावश्यक खर्च में कमी कर और राजस्व वसूली बढ़ा कर राजस्व घाटा पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने पिछले वित्त वर्ष के 77,184 करोड़ रुपये के मुकाबले 2018-19 के लिए 95,000 करोड़ रुपये के वार्षिक योजना का प्रस्ताव किया है। जो गत वर्ष कि अपेक्षा 17,816 करोड़ रुपये यानि 23.08 प्रतिशत ज्यादा है।
सर्वाधिक घाटे का बजट
राज्य के बजट के इतिहास में संभवत: यह सर्वाधिक घाटे का बजट है। 2016-17 के बजट में 3644 करोड़ और 2017-18 में 4511 करोड़ रुपए घाटे वाला बजट पेश किया गया था। इसको लेकर विपक्ष ने सरकार की आलोचना की है। विधान परिषद में विपक्ष नेता धनंजय मुंडे की माने सरकार आर्थिक अराजकता की तरफ बढ़ रही है।
किसान कर्जमाफी-सातवे वेतन आयोग का भार
सरकारी कर्मचारियों को सातवे वेतन आयोग के अनुसार वेतन देने के लिए राज्य सरकार ने बजट में 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया है। जबकि इस पर कुल 21 हजार करोड़ रुपए खर्च होने वाले हैं। वित्तमंत्री मुनगंटीवार ने अब तक 35.68 लाख किसानों का कर्ज माफ करने का दावा करते हुए बताया कि अभी तक इसके लिए 13 हजार 782 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। किसान कर्जमाफी व सातवे वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने के आर्थिक दबाव के बीच वित्तमंत्री ने किसानों और युवाओं को लुभाने की पूरी कोशिश की है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हर जिले में केंद्र और राज्य में 6 कौशल्य विश्वविद्लाय खोलने की घोषणा से युवाओं खुशी मिल सकती है। मराठा समाज की नाराजगी दूर करने के लिए अन्ना साहेब पाटील आर्थिक विकास महामंडल को 400 करोड़ रुपए देने का एलान किया गया है। इससे उद्यमियों को आर्थिक मदद दी जा सकेगी।
बजट 2018-19: एक नजर में
राजस्व जमा: 2,85,968 करोड़
राजस्व खर्च: 2,01343 करोड़
राजस्व घाटा: 15,375 करोड़
(अनुमानित)
Created On :   9 March 2018 7:37 PM IST