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दैनिक भास्कर हिंदी: फडणवीस के हाथ BJP की पतवार, क्या चुनावी अखाड़े में सियासी मुद्दों के बीच पार लगेगी नैय्या ?

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्यप्रदेश चुनाव परिणाम को कुछ घंटे बाकी हैं, जहां बीजेपी मुख्यमंत्री शिवराज का सियासी करियर दांव पर लगा है, वहीं महाराष्ट्र में पार्टी के सियासी पेंच कुछ अलग ही हैं। यहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में चुनावी पारी खेली जाएगी। यानी महाराष्ट्र में बीजेपी के बड़े स्टाक प्रचारक खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही होंगे। लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही भाजपा इस बार फडणवीस के पांच साल की उपलब्धियों को जनता के बीच रखने जा रही है। साथ ही विपक्ष को घेरने के लिए खास रणनीति बनाई जा रही है।
सीएम पार्टी के स्टार प्रचारक
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में चुनावी बिगुल फूंका जाएगा। राज्य में भले ही पहली बार बीजेपी सत्ता में आई हो, लेकिन पूरे 5 साल तक सरकार चलाने का उसके पास अच्छा अनुभव है। गठबंधन सरकार होने के बाद भी मुख्यमंत्री फडणवीस अपना कार्यकाल पूरा करने में सफल रहे हैं। जबकि सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश की, कई बार तो शिवसेना की तरफ से ऐसे बयान आए, जिससे संशय पैदा होना शुरु हो गया था कि यह गठबंधन टिकेगा भी या नहीं। कभी खींचतान के बाद शिवसेना के रुख में नर्मी दिखी, तो कभी बीजेपी एक कदम पीछे हटी।
मराठा आरक्षण का मास्टर स्ट्रोक
राज्य में साल 1980 के दशक से मराठा आरक्षण की मांग उठाईजा रही थी। तब मराठा कर्मचारियों के नेता अन्ना साहेब पाटिल ने आंदोलन का नेतृत्व किया। लेकिन भूख हड़ताल के दौरान उनकी जान चली गई थी। इस बार आंदोलन होने के बाद सीएम ने साफ कहा था कि वो समाज को गिफ्ट दोने जा रहे हैं, सरकार इसपर विधेयक लाई, जिसे विधानमंडल में पास करा लिया गया। सरकार ने बड़ा दांव खेलते हुए मराठाओं को नौकरी और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया।
सरकार के गले की फांस विदर्भ किसान आत्महत्या मुद्दा
मराठा आरक्षण का मुद्दा हो यां किसान आंदोलन सीएम के आश्वासन और फैसले विपक्ष पर भारी पड़ते दिखाई दिए। कर्जमाफी की घोषणा के बाद सरकार ने किसानों का आक्रोश कुछ हद तक कम करने में सफलता भी हालिस की, लेकिन विदर्भ में किसानों की आत्महत्या के मामले अब भी सरकार के गले की फांस बने हैं। इसके अलावा दूसरे समाज भी आरक्षण की मांग कर रहे हैं। मराठा आंदोलन के मास्टर स्ट्रोक के बाद अलग-अलग जातियों के आंदोलन से न निपट पाना सरकार से सामने अड़चन बन सकता है। जिसमें मुस्लिम, धनगर, जैसे कई वर्गों के साथ लाना चुनौती है।
कमजोर विपक्ष
वैसे देखा जाए तो विपक्ष फडणवीस के सामने कोई बड़ी चुनौती नहीं खड़ी कर सका है। प्रदेश में कांग्रेस खास आक्रामक नहीं है। एनसीपी और कांग्रेस भले ही साथ-साथ आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन इन पार्टियों के मुद्दे भी अपने-अपने हैं। जैसे जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं। सहयोगी पार्टी शिवसेना का सरकार के प्रति नरम दिख रहा है, नाणार परियोजना को लेकर बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रही शिवसेना अब अयोध्या में मंदिर बनाने की बात करने लगी है।
सरकार की उपलब्धियां
फडणवीस सरकार ने शहरों में मेट्रो का जाल बिछाना शुरु किया। नागपुर महा मेट्रो सरकार की खास परियोजना है, जिसपर काफी खर्च किया जा चुका है।
मुंबई को सीधे नागपुर से जोड़ने वाला 800 किलोमीटर लंबा समृद्धि एक्सप्रेस वे सरकार की बड़ी परियोजनाओं में एक है, जिसमें जमीन अधिग्रहण का काम तय समय में पूरा हुआ है।
जलयुक्त शिवार योजना को लेकर विपक्ष कई सवाल खड़े करता रहा, लेकिन राज्य के 16 हज़ार गांव की पानी समस्या दूर करने की मंशा से सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
FDI की बात करें, दो बाक़ी राज्यों के मुकाबले एफडीआई आकर्षित करने में महाराष्ट्र नंबर वन रहा है। सरकार के दावों के तहत देश के कुल FDI का 49% हिस्सा अकेले महाराष्ट्र में ही आया है।
श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट से 500 करोड़ रुपए का कर्ज
सरकार श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट से 500 करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने निशाना साधते कहा था कि सरकार की तिजोरी में पैसे होने के बावजूद शिर्डी ट्रस्ट से कर्ज लेना हास्यास्पद है। ट्रस्ट से बिना ब्याज के कर्ज लिया है। इसपर विपक्ष सरकार से स्पष्टीकरण मांग चुका है।
सूखे से मुश्किल
ताजा मुद्दों में सूखा और फसल बर्बादी सरकार के सामने परेशानी का सबब बनकर उभर रहा है। इसे लेकर सरकार ने केंद्र से राहत पैकेज की मांग की है। फडणवीस ने केन्द्र से तकरीबन 8 हजार करोड़ रुपए की वित्तिय सहायता मांगी है। दिल्ली में मुख्यमंत्री फडणवीस ने PMO में प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्रा से मुलाकात कर विकास परियोजनाओं की स्थिति पर चर्चा की थी। हालांकि केन्द्रीय टीम पहले ही यहां सूखा प्रभावित मराठवाड़ा में जायजा लेने पहुंच गई थी। इससे पहले सरकार ने विधानमंडल शीतकालिन अधिवेशन के पहले ही दिन दोनों सदनों में 20,326 करोड़ रुपए की पूरक मांग पेश की थी। जिसमें सूखाग्रस्त किसानों की मदद के लिए 2200 करोड़ का प्रावधान था। चुनावी साल होने के कारण फडणवीस की राहें मुश्किलों भरी हो सकती हैं। 180 तहसील में सूखे की स्थिति है, फ़सल बर्बादी से किसान परेशान हैं। इस सब के बावजूद प्रदेश की जनता का रुझान किस ओर होगा, देखने वाली बात होगी।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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