रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़

fake railway recruitment gang busted by police, four arrested
रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़
रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे में टीसी की नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। कई बेरोजगारों से धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों में निकिता मेश्राम, सुमित मेश्राम, धीर खुराना और राज यादव शामिल है। यह गिरोह बेरोजगारों को उनकी करतूतों पर शक न हो इसलिए दिल्ली में बुलाकर उनका इंटरव्यू लिया करते थे। इतना ही नहीं दिल्ली में मेडिकल टेस्ट की नौटंकी तक की जाती थी। निकिता मेश्राम और सुमित मेश्राम (पति और पत्नी हैं) को नागपुर में बंटी और बबली कहा जाता है। आरोपियों ने दिल्ली में शासकीय अस्पताल में पीड़ित निखिल ठाकरे और अन्य युवकों को बुलाकर मेडिकल टेस्ट कराया है। गणेशपेठ के वरिष्ठ थानेदार जी. गांगुर्डे ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए दिल्ली भी एक टीम भेजी जाएगी। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है।

इस तरह दिया झांसा
पुलिस सूत्रों के अनुसार राजेश्वर नगर गोधनी निवासी निखिल ठाकरे को नौकरी की जरूरत थी। वह अलंकार टाकीज के पास एम स्टार सोल्यूशन के कार्यालय में पहुंचा। यहां पर निकिता मेश्राम और उसके पति सुमित मेश्राम से उसकी मुलाकात हुई। मेश्राम दंपति ने शासकीय व अशासकीय विभाग में नौकरी लगाने का झांसा दिया। निखिल से आरोपियों ने करीब 11.50 लाख रुपए ले लिया। उसे कोई नौकरी नहीं दिलाई तब उसने गणेशपेठ थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने उक्त चारों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। निखिल ने पुलिस को बताया कि 7 नवंबर 2015 से 28 जनवरी 2019 के  दरम्यान उसके साथ ठगी की गई। निखिल दत्तू ठाकरे (28) की आरोपी निकिता आैर सुमित से मुलाकात होने पर दोनों ने उसे भारतीय रेलवे में टीसी के  पद रिक्त होने पर उसे नौकरी दिलाने का लालच दिया। निकिता औैर सुमित ने निखिल का विश्वास हासिल किया। मेश्राम दंपति ने निखिल से कहा कि नौकरी के बदले में उसे किश्तों में 11.50 लाख रुपए देने पड़ेंगे।  निकिता ने उसे अपना वाट्सएप नंबर भी दिया। निखिल से मेश्राम दंपति ने उक्त रकम ले ली। रुपए लेने के बाद मेश्राम दंपति ने निखिल को  दिल्ली में बुलाया। दिल्ली में धीर खुराना नामक व्यक्ति से निखिल को मिलवाया गया। निखिल को बताया गया कि खुराना ही उन्हें नौकरी दिलाने वाला है। 

5 बेरोजगार युवकों से पहचान कराई 
मार्च 2016 में निकिता ने निखिल को दिल्ली में कनॉट प्लेस गेट नं. 2 में  बुलाया। इस जगह पर निखिल की अन्य 5 बेरोजगार युवकों से पहचान कराई गई। इन युवकों से भी निकिता ने नौकरी लगाने के लिए पैसे लिया था। निखिल को सारी कहानी समझ में आ चुकी थी क वह निकिता और उसके साथियों के चंगुल में फंस चुका है। निकिता ने निखिल  को दिल्ली में दोबारा बुलाने के बाद उससे कहा कि धीर खुराना काम नहीं कर रहा था। उससे काम वापस लेकर राज यादव को दे दिया गया है। निखिल की राज यादव से पहचान कराई गई। निकिता ने निखिल व अन्य युवकों का रेलवे का फार्म दोबारा भरवाया। उसके बाद उनसे कहा कि एक बार फिर दिल्ली आना पड़ेगा। 8 सितंबर 2016 को  निखिल को दिल्ली में मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया। उस समय वहां पर राज यादव हाजिर था। उसके बाद चारों आरोपियों ने निखिल से नौकरी लगाने के नाम पर रुपए ले लिया। उसके बाद नौकरी दिलाने के नाम पर टालमटोल करने लगे। जब निखिल ने पैसे और अपने दस्तावेज वापस मांगे तब आरोपियों ने मोबाइल बंद कर दिया। निखिल ने रेलवे की वेबसाइट पर अपना नाम देखा तो कहीं पर उसका नाम नहीं था। तब उसे समझ में आ गया कि उसके साथ आरोपियों ने धोखाधड़ी की है। इस प्रकरण में  निखिल ठाकरे की शिकायत पर गणेशपेठ पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला उक्त चारों आरोपियों पर दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

Created On :   30 Jan 2019 8:43 AM GMT

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