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परिवार बचाने के लिए कुटुंब प्रबोधन जरूरी : भेंडे

डिजिटल डेस्क, अमरावती। एक चर्चा में विषय निकल आया कि देश पर इतने आक्रमण होने के बाद भी हमारा कुछ क्यों नहीं हुआ, तो जवाब आया कि परिवार व्यवस्था था लेकिन आज हमारे सामने पारिवारिक भाव और परिवार को बचाए रखना एक चुनौती हंै। इसके लिए कुटुंब प्रबोधन बहुत जरूरी है। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख मंगेश भेंडे ने कहीं।
वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयादशमी के उत्सव के अवसर पर किरण नगर स्थित श्रीमती नरसम्मा कॉलेज के मैदान में रविवार, 9 अक्टूबर को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर मंच पर प्रमुख अतिथि के रूप में चक्रधर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के फाउंडर एवं चेयरमन उदय देशमुख, विभाग संघचालक चंद्रशेखर भोंदू, महानगर संघ चालक सुनील सरोदे, महानगर सह संघचालक उल्हास बपोरीकर उपस्थित थे। समारोह में प्रास्ताविक परिचय महानगर कार्यवाह श्याम नीलकरी, अमृतवाचन लखन ठाकुर, व्यक्तिक गीत निषाद फणसालकर, सांघिक गीत विवेक धर्माले ने गाया। इसके पूर्व शहर के विभिन्न मार्गों से पथ संचलन निकाला गया। जिस पर जगह-जगह पुष्पवर्षा की गई। कार्यक्रम के पूर्व शस्त्रपूजन, ध्वजारोहण, घोष और पथ संचलन सहित अन्य प्रस्तुति दी गईं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और संघ के पदाधिकारी व स्वयंसेवक उपस्थित थे। भेंडे ने कहा कि करीब 4-5 साल पहले ऐसा सुनने में आया था कि सिर्फ बंगलुरु में तलाक के मामले चल रहे हैं। हमें अपने घर और परिवार को देखना होगा और संभालना होगा। लव जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं। परिवार के बच्चों पर हमारी नजर होनी चाहिए कि वह क्या कर रहे हैं। मारे देश युवा है और ऐसे में उसे नशे की चपेट में लाने के लिए प्रयास चल रहे हैं। बड़ी मात्रा में विदेशों से युवाओं को बर्बाद करने के लिए ड्रग्स भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि विजयादशमी पर संघ की स्थापना की गई क्योंकि हमें समाज की कुरीतियों काे नष्ट करना है। बुराई को खत्म करना है। समाज में छुआछूत जैसी चीजों को संघ ने पहले ही खत्म कर दिया जिसका उदाहरण स्वयं महात्मा गांधी ने वर्धा के शिविर में देखा। मुख्य अतिथि ने देशमुख ने कहा कि व्यापार में वर्तमान में जितने लोग आ रहे हैं वह बहुत कम हैं। इससे ज्यादा लोगों की आवश्यकता व्यापार में भारत के लोगों की है। हमें यह बात समझना होगा जो 5जी हमारे देश में अभी आ रहा है वह 72 देशों में पहले से है। बच्चों को शुरुआत से ही ऐसी शिक्षा देनी होगी जिससे वह व्यवसाय को आसानी से कर सकें। हमारे पास सबकुछ है कौशल है, लोग हैं और पैसा है लेकिन सही मार्ग और हिम्मत बढ़ाने वाले लोगों की आवश्यकता है।
Created On :   10 Oct 2022 4:08 PM IST